अडानी से छिना ताजपुर पोर्ट का काम!, ममता बनर्जी ने किया नए टेंडर का ऐलान
कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ताजपुर गहरे समुद्री बंदरगाह के विकास के लिए जल्द ही एक निविदा जारी की जाएगी। पहले अडानी समूह को यह परियोजना सौंपने की बात कही गई थी। बनर्जी के इस ऐलान से गहरे समुद्री बंदरगाह वाली इस परियोजना को लेकर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। यह परियोजना पहले अक्टूबर 2022 में अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) को दी जानी वाली थी। एपीएसईजेड इसके लिए लगाई गई दो अंतिम बोलियों में सबसे कम की बोली लगाने वाली (एल-1) बोलीदाता थी। उस समय जेएसडब्ल्यू ग्रुप भी एक दावेदार था। बनर्जी ने यहां आयोजित बंगाल वैश्विक व्यापार शिखर सम्मेलन (बीजीबीएस) को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल में 12 'गेम-चेंजिंग' अवसर हैं। उन्होंने कहा, 'पहला अवसर ताजपुर में प्रस्तावित गहरे समुद्र का बंदरगाह है जो निविदा के लिए तैयार है। आप निविदा में भाग ले सकते हैं। यह तीन अरब डॉलर यानी 25,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेगा।'
सम्मेलन से अडानी समूह की गैरमौजूदगी
इस सम्मेलन से अडानी समूह की गैरमौजूदगी ने भी ताजपुर बंदरगाह परियोजना में उसकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सूत्र ने कहा कि यह एक राजनीतिक मजबूरी हो सकती है।
परियोजना आवंटन पत्र का इंतजार कर रही अडानी
सूत्रों ने कहा कि अडानी पोर्ट पीछे नहीं हटी है और परियोजना आवंटन पत्र का इंतजार कर रही है। आवंटन पत्र पिछले दिनों सौंपे गए आवंटन आशय पत्र (एलओआईए) के बाद आगे बढ़ने के लिए जरूरी दस्तावेज है। खुद बनर्जी ने अक्टूबर, 2022 में एपीएसईजेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी करण अडानी को एलओआईए सौंपा था।
मुख्य सचिव खामोश
ताजपुर परियोजना के लिए निविदा में भाग लेने के लिए उद्योगपतियों को दिए गए न्योते पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एच के द्विवेदी से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने के लिए अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
महुआ पर केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई का नतीजा
पश्चिम बंगाल में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, ममता बनर्जी की खास मानी जाती है। बीते कुछ दिनों से वह लगातार अडानी को निशाने पर ले रही हैं। महुआ मोइत्रा बनाम अडानी का मामला तूल पकड़ चुका है। दावा किया जा रहा है कि महुआ मोइत्रा पर केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई इसी का नतीजा है। इसी विवाद के बीच अब ममता बनर्जी का ताजपुर बंदरगाह परियोजना अडानी से वापस लेना हलचल मचाने वाला है।