बारह सौ किमी का सफर तय कर 4 नवम्बर को खजुराहो पहुंचेगी शांति सद्भावना पदयात्रा

lokesh chourasia छतरपुर । संतशिरोमणि पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करने और आशीर्वाद पाने के जुजून में उनके भक्त किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं।ऐसे ही 150 जुनूनी भक्तों का एक जत्था खजुराहो से करीब 1200 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र और कर्नाटक बॉर्डर के पास कोपरगांव से 3 अक्टूबर को पदयात्रा करते हुए खजुराहो के लिए निकल पड़ा।ये पदयात्री सैकड़ों गांव,कस्बे नगर होते हुए कुंडलपुर पहुंचे, जहां बड़े बाबा के दर्शन करने के बाद आज बुधवार को फिर बिना थके चल पड़े-खजुराहो में विराजमान छोटे बाबा यानि आचार्यश्री के दर्शन करने।भक्तों का ये जुनूनी जत्था 4 नवम्बर को अतिशय क्षेत्र खजुराहो में प्रवेश करेगा औऱ आचार्यश्री के मंगल दर्शन करेगा। इसके पूर्व 16 अक्टूबर को कानपुर से 30 साइकिल यात्रियों का एक जुनूनी दल आचार्यश्री के दर्शन करने खजुराहो आ चुका है। डॉ.सुमति प्रकाश जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल ब्रह्मचारी तात्या भैया जी के कुशल नेतृत्व में पदयात्रा कर रहे इस जोशीले एवं श्रद्धाभक्ति से भरपूर इस दल में एक 86 वर्षीय पदयात्री पारीसा कात्राणे शामिल है तो एक पैर से दिव्यांग भक्त बाहुबली दानवाणी भी पूरी उमंग के साथ कदमताल करते शामिल हैं।पूरे जत्थे में ये दोनों खास पदयात्री सभी का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच लेते हैं।अनेक भक्त तो पदयात्रा में शुरू से नंगे पैर ही चल रहे हैं लेकिन इसके बाद भी वे इस सुदूर एवं दुरूह यात्रा में परमानंद की अनुभूति कर रहे हैं। जन्मस्थली की ओर विहार का करेंगे निवेदन पैदल यात्रा संयोजन समिति के मुताबिक प्रख्यात जैनाचार्यश्री विद्यासागर महाराज की जन्मस्थली दक्षिण भारत के ग्राम सदलगा(कर्नाटक) में है और उनकी दीक्षा हुए 51 साल व्यतीत हो गए हैं। इसके बाद भी आचार्यश्री का विहार जन्मस्थली की ओर नहीं हुआ है।अतः अब उनका विहार जन्मस्थली के लिए हो जाए,इस प्रबल भावना के साथ"कब से गए हो गुरुवर अब तो दक्षिण लौट आओ" का आव्हान करते150 भक्तों का ये बड़ा दल 1200 किमी की सुदूर शांति सदभावना पदयात्रा करते हुए खजुराहो पहुँचकर आचार्यश्री को श्रीफल अर्पित कर दक्षिण भारत की ऒर विहार करने का निवेदन करेगा। पैदल यात्रा संयोजन समिति के तत्वावधान में ये शांति सद्भावना पदयात्रा में जैन धर्मध्वजा हाथों में लिए पदयात्री लंबा फासला तय कर सोमवार को प्रसिद्ध तीर्थक्षेत्र कुंडलपुर पहुंचे। यहां बड़े बाबा के दर्शन के बाद ये पदयात्री बुधवार को फिर खजुराहो के लिए कूच कर गए हैं।अब समिति ने क्षेत्रीय समाज से भी कुंडलपुर बड़ेबाबा से खजुराहो छोटे बाबा तक की पदयात्रा में सम्मिलित होने का आव्हान किया है। आचार्यश्री के संदेशों का करते चल रहे शंखनाद खास बात ये है कि ये सभी पदयात्री ब्र0 तात्या भैया जी के नेतृत्व और निर्देशन में गांव,कस्बे व नगरों में आचार्यश्री के अहिंसा,शाकाहार व्यसनमुक्ति, इंडिया नहीं भारत बोलो,हिंदी अपनाओ आदि संदेशों का शंखनाद करते एवं बेरोजगारी उन्मूलन हेतु हथकरघा उद्योग अपनाने और गायों के संरक्षण का संकल्प दिलाते चल रहे हैं।ये सभी जुनूनी और जुझारू पदयात्री रोजाना 35 से 40 किमी की पदयात्रा बिना थके उत्साहपूर्वक पूरी कर लेते हैं। पदयात्रा के मुख्य संयोजक भवानी नगर के श्री अजित गांधी,श्री अभय बरगाले,सांगली,श्री फूलचंद जैन औरंगाबाद,डॉ शांतिनाथ चौगुले, कुंभज,डॉ कल्याण गंगवाल,पुणे(शाकाहार प्रदर्शनी फेम) एवं उनकी पूरी कमेटी समूची पदयात्रा का प्रबंधन बखूबी देख रही है। खजुराहो में की जाएगी भव्य आगवानी डॉ सुमति प्रकाश जैन के अनुसार डेढ़ सौ सदस्यीय शांति सद्भावना पदयात्रा के 4 नवम्बर को प्रातः 8 बजे खजुराहो प्रवेश पर चातुर्मास समिति,अतिशय क्षेत्र कमेटी, स्वर्णोदय तीर्थक्षेत्र कमेटी एवं क्षेत्रीय जैन एवं अजैन समाज इन पदयात्रियों की भव्य एवं भावभीनी आगवानी करेगी।