Covid : Action under NSA on black marketing of Remedisvir, first action in MP

जबलपुर। कोरोना की दूसरी लहर के बीच देशभर में मचे हाहाकार के चलते अस्पतालों में आक्सीजन और रेमडिसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ने से नया संकट खड़ा हो गया हैै। इसकी कमी से आए दिन कोविड मरीजों की जान जा रही है। उधर, तमाम प्रयासों के बाद भी इंजेक्शन की कालाबाजारी पर रोक नहीं लग पा रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है। प्रदेश में पहला मामला जबलपुर में दर्ज किया गया है। यहां रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेचने वाले दो आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। दोनों आरोपियों को छह महीने तक सेंट्रल जेल में बंद करने का आदेश जारी हुआ है।
मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने के बाद दवाओं की बढ़ती कालाबाजारी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रासुका के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था। सीएम के आदेश के बाद प्रशासन ने जबलपुर में यह कार्रवाई की है।
जानकारी के मुताबिक, दवाइयों की कालाबाजारी के आरोप में एसडीएम आशीष पांडे के नेतृत्व में गठित टीम ने गत 11 अप्रैल को मढ़ाताल स्थित न्यू मुनीष मेडिकोज में छापेमार कार्रवाई की थी। टीम ने पुष्पक नगर निवासी सुदामा और कटियाघाट गौर निवासी नितिन को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। इसकेस बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने 12 अप्रैल को ओमती थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपियों ने 18 हजार रुपए में रेमडिसिविर का सौदा किया था। बाद में पुलिस ने दोनों को भेज दिया था। हालांकि, फिलहाल मेडिकल स्टोर संचालक कामेश राजानी व कांचघर निवासी गौरव शर्मा फरार हैं।