8 महीने में ही धरे गए 2429 आरोपी
भोपाल। सरकार बदलते ही मप्र में ड्रग माफिया की सक्रियता बढ़ गई है। बीते 15 साल काबिज रही भाजपा की शिवराज सरकार से तुलना करते हुए हालांकि कमलनाथ सरकार अपनी पीठ थपथपाने में कोई कसर नही छोड़ रही है। बावजूद इसके गृहमंत्री बाला बच्चन द्वारा रविवार जारी किए गए आंकडे सरकार की कथनी और करनी की पोल खोल रहे है।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सरकार की बीते 8 महीने की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि स्मैक, अफीम, गांजा, चरस और कैमिकल ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों के तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाई की गई है। एक जनवरी से 15 अगस्त के बीच ही 1867 अवैध मादक पदार्थो के प्रकरण दर्ज हुए है और 2429 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। इसके साथ ही तुलनात्मक आंकड़े बताते है कि भाजपा शासन में 1 जनवरी से 31 जुलाई के बीच ही साल 2016 में महज 464 प्रकरण दर्ज हुए और इनमें शामिल 680 आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की गई। 2017 में दर्ज प्रकरणों का यह आंकड़ा बढ़कर 577 तक चला जाता है। इन मामलों में सरकार 812 के खिलाफ कार्यवाही करती है। बीते साल 2018 में तो 16-17 के मुकाबले सबसे अधिक यानी 967 प्रकरण दर्ज हुए और 1354 को आरोपी बनाया गया । दूसरी ओर कमलनाथ सरकार के मौजूदा 6 माह के कार्यकाल में यह संख्या 2129 तक चली जाती है। यह आंकड़े मप्र में पैर जमा रहे ड्रग तश्करो की संख्या में हुई बेतहाशा बढोत्तरी की ओर इशारा करते है। सरकार द्वारा ऑपरेशन प्रतिकार के तहत शुरू हुए अभियान के नतीजे इसकी पुष्टि करते है। क्योंकि महज 15 दिनों के दौरान ही दर्ज किये गए 244 प्रकरणों में 300 को स्मैक, अफीम, गांजा, चरस और कैमिकल ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों के अवैध कारोबार के लिए जिम्मेदार माना गया है।
अब स्कूलों में चलेगा नशे के खिलाफ अभियान
स्कूल कालेजों में अब नशा मुक्ति का अभियान चलेगा। नशा मुक्ति जनजागृति का यह जिम्मा नारकोटिक्स और पुलिस विभाग के अफसरो को सौपा गया है। यह अब तक स्कूल-कॉलेज के करीब 6 लाख विद्यार्थियों से सम्पर्क कर चुके है।