प्रत्याशियों का आपराधिक रिकार्ड दिखाने चुनाव आयोग का दिखावा!

प्रत्याशियों का आपराधिक रिकार्ड दिखाने चुनाव आयोग का दिखावा!
भोपाल। प्रत्याशियों के क्रिमिनल रिकार्ड प्रदर्शित करने के मामले में केंद्रीय निर्वाचन आयोग कोई ठीक जबाव नहीं दे पाया है। दरअसल आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों के लिए निर्धारित प्रारूप में जानकारी भर कर समाचार पत्रों और टीव्ही में कम से कम तीन अवसरों पर आयोग ने प्रकाशन के लिए कहा है। लेकिन टीव्ही पर प्रदर्शन के लिए समय सीमा महज 7 सेंकेंड निर्धारित की गई है। इतना ही नहीं इनके प्रदर्शन के लिए समय भी निर्धारित नहीं किया गया है। www.wordpress-363015-1129831.cloudwaysapps.com ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत के संज्ञान में यह बात लाते हुए पूछा था कि क्या आयोग इस समय को पर्याप्त मानता है। इसका बिना कोई समुचित जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि किसी विशेष प्रकरण में इस पर विचार किया जाएगा। लेकिन अन्य मामलों में यह समय पर्याप्त माना जा सकता है। क्योंकि संबंधितों पर एक-दो से ज्यादा गंभीर प्रकरण सामने नहीं आएंगे। यहां बता दें कि टीव्ही पर प्रदर्शित किए जाने वाले विज्ञापनों के प्रदर्शन के लिए उपयुक्त समय 30 सेंकेण्ड माना जाता है। लेकिन इस मामले में सिर्फ 7 सेंकेड निर्धारित किए जाने से यह कवायद महज औपचारिकता बनकर रह गई है। जबकि इस मामले में राजनैतिक दलों की मंशा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आयोग के साथ हुई बैठक में यह सुझाव दिया गया है कि आपराधिक मामलों की जानकारी पर होने वाले खर्च को प्रत्याशियों के खर्च से अलग रखने की मांग की है। इससे पहले राजनैतिक दलों के साथ हुई बैठक के बाद निर्वाचन आयोग ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री रावत ने भरोसा दिलाया कि आयोग निर्वाचन की शुद्धता बनाए रखने और स्वतंत्र निष्पक्ष व पारदर्शी निर्वाचन आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मद्देनजर आयोग ने राज्य और जिला स्तरीय मशीनरी को भी प्रभाव आदि से धर्म, भय मुक्त निष्पक्ष और स्वतंत्र रहने के निर्देश दिए हैं। आयोग के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया में पूर्णिया से भाग लेने के लिए सभी राजनीतिक दलों मीडिया संगठनों सिविल सोसायटी और सामाजिक संगठनों के साथ देश की सभी मतदाताओं की समर्थन का आह्वान करते हुए उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा अब तक कई ऐहतिहातन कदम उठाए गए हैंं। जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग में पहली बार एक्सेसिबिलिटी आॅब्जर्वर की नियुक्ति भी शामिल है। आयोग ने निष्पक्ष निर्वाचन राज्य में 198 सामान्य प्रेक्षक, 127 व्यय प्रेक्षक, 53 पुलिस परीक्षक और 15 सौ माइक्रो आॅब्जर्वर तैनात किए गए हैं। आयोग ने ऐसे पोलिंग बूथ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं जिसका संचालन सुरक्षाकर्मियों सहित केवल महिलाएं करेंगी। इसके साथी राज्य विधान सभा निर्वाचन में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा लांच किए गए एप्प सी विजिल के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसके माध्यम से आयोग को अब तक 8074 शिकायतें मिली हैं। जिसमें 7115 का निराकरण किया जा चुका है। राज्य की सभी 230 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में सभी मतदान केंद्रों में पहली बार ईवीएम व वीवीपट का उपयोग किया जाएगा। श्री रावत ने बताया कि राज्य में सेवा मतदाताओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है वर्ष 2013 में सेवा प्रदाताओं की संख्या 22 हजार 735 थी, लेकिन वर्तमान समय में 62 हजार 100 हो गई है। इसके अलावा सभी मतदान केंद्रों पर पेयजल सुविधा बिजली की व्यवस्था की जा चुकी है। संपूर्ण मतदान केंद्रों में टायलेट व छाया की व्यवस्था अभी तक हो पाई है। लेकिन बताया गया है कि निर्वाचन तक जिला प्रशासन के सहयोग से यह काम शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाएगा। आयोग में जानकारी दी की निर्वाचन की घोषणा के बाद अब तक सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है जिसमें 51 करोड़ से ज्यादा की अवैध नगदी व सामग्री जब्त की गई है। आयोग ने इसे चिंता का विषय बताते हुए कहा की रोकथाम के लिए आयोग ने आवश्यक कदम उठाए हैं। राजनीतिक दलों ने उठाए यह मुद्दे कुछ राजनीतिक दलों ने निर्वाचक नामावली से संबंधित मुद्दों को उठाया। उन्होंने निवेदन किया है कि महिलाओं की मतदाताओं की पहचान के लिए महिला मतदान कर्मी की ड्यूटी लगाई जाए। आशा और आंगनवाड़ी कार्यकतार्ओं की को मतदान से दूर रखा जाए। मतगणना के दौरान मतगणना एजेंट को प्रमाणित प्रारूप प्रदान किए जाएं। कुछ दलों का आरोप था कि शिकायत के बाद भी कर्मचारियों को स्थानांतरण नहीं किया गया है। जिसमें कुछ प्रत्याशियों के रिश्तेदार हैं उन्हें भी नहीं हटाया गया है। इसके साथ ही कांग्रेस की शिकायत थी कि जन अभियान परिषद के कर्मचारी निर्वाचन प्रक्रिया में शामिल है और प्रदेश में प्राथमिक सहकारी समितियां के कार्यकाल में वृद्धि भी की गई है। इसके साथ ही छोटे गांवों में धार्मिक स्थानों के समीप कार्यालय खोलने पर लगी रोक को क्रियान्वित करना मुश्किल है। निर्वाचन आयोग से इसमें छूट की मांग की गई है। कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा यह मांग की गई है कि राजनीतिक दलों के नेताओं और प्रत्याशियों के पीएसओ को इस समय नहीं बदला जाए। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कहा है कि मंत्रियों के स्टाफ कर्मी और निजी सचिव को उनके साथ कार्य नहीं करने दिया जाए और अधिकारी के सामाजिक धार्मिक संगठन से संबंध हो तो उन्हें भी कार्य करने नहीं दिया जाए। राजनीतिक दलों की शिकायत यह भी थी उनके द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के जवाब उन्हें और प्रत्याशियों को तत्काल दिया जाना चाहिए। राज्य सरकार की योजना और उपलब्धियों का राजनीतिक दल द्वारा चुनाव अभियान में प्रचार-प्रसार सामग्री का उपयोग नहीं करना चाहिए। कुछ दलों के द्वारा यह शिकायत की गई राजनेताओं की के झूठे कथन और झूठे समाचारों पर दर्शन की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह भी करेगा आयोग निर्वाचन आयोग ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए लगभग 14 हजार मतदान केंद्रों पर भी बेव कास्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की है। तीन लाख से अधिक के दिव्यांग मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर, प्रतिक्षालय, क्यू अस्सिटेंस, रैंम्प और एस्कार्ट व्यवस्था की है। आयोग ने सुगम वाहन प्रबंधन प्रणाली के तहत 2 लाख 31 हजार 473 गाड़ियों का पंजीकरण किया है। जिसका उपयोग निर्वाचन के दौरान किया जाएगा। अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी और बूथों के आकस्मिक निरीक्षण के भी निर्देश दिए गए हैं। कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई और पुलिस को कानून-व्यवस्था और सुरक्षा दृष्टि कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। दंड प्रक्रिया संहिता के तहत 1 लाख 54 हजार 437 प्रकरण दर्ज किए गए हैं और 1 लाख 44 हजार 863 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा के उपाय भी आयोग द्वारा किए गए हैं।