मामला अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई का
RN dwivedi
चचाई। अनूपपुर। हमेशा सवालों व लापरवाहियों के मामले में सुर्खियों मे रहने वाले अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई इन दिनों इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) को लेकर पूरे पावर जनरेटिंग लिमिटेड कंपनी अंर्तगत सुर्खियां बटोर रहा है। साल 2018-19 में ताप विद्युत गृह के पीएनडब्ल्यू विभाग द्वारा इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) को लगाने के लिये निकाली गई निविदा उसमे डाली गई शर्ते उसके बाद शर्तो को संसोधित कर फिर निविदा निकालना जैसे मामले उठ ही रहे थे कि नियम व शर्तो के विपरीत एम्बूलेंस के रूप में पावर हाउस के अंडर लगाई गई मारूति ईको को ठेकेदार ने जिससे किराये पर लिया था उसके द्वारा वाहन हटा लेने बाद से अधिकारियों की परेशानियां कम होने का नाम नही ले रही है। अधिकारियों ने फिर से इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) लगाने के लिये छः माह की इंक्वायरी निकाली वह भी एक माह से उलझनों में अटकी हुई है जिसका जवाब खुद जिम्मेदार अधिकारी नही दे पा रहे हैं।
कौन सच्चा-कौन झूठा
अखबारो में अमरकंटक ताप विद्युत गृह में इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) न होने व ठेकेदार द्वारा अनुबंध शर्तो को दी गई खुली चुनौती की खबरें सामने आने के बाद अधिकारी झूठ का सहारा लेकर अपने बचाव में निकल पडे है। अधिकारियों ने कहा कि ठेकेदार द्वारा ताप विद्युत गृह में लगाये गये इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) में मेजर प्राब्लम आ गई है जो बनने की स्थिति में नही है,जबकि इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) लगाने वाले ठेकेदार जीवन लाल यादव के द्वारा रजनीश गौतम से प्रतिमाह 23 हजार 500 रूपये प्रतिमाह की दर से किराये पर 3 अप्रैल 2019 को 3 साल के लिये एग्रीमेंट करने के बाद उस वाहन को ताप विद्युत गृह मे लगाया गया था। जीवन लाल यादव को किराये पर मारूति ईको वाहन देने वाले रजनीश गौतम ने बताया कि उसके द्वारा मासिक किराये की राशि लगातार न मिलने के कारण 26 अक्टूबर को अपना वाहन हटा लिया गया जो मेरे पास आज भी मेरे घर में सुरक्षित है मेरी मारूति ईको में किसी प्रकार की कोई प्राब्लम नही है। अब इसमे कौन सच्चा है और कौन झूठा है यह अधिकारियों को ही शाबित करना है।
सवालों में उलझी इंक्वायरी
अधिकारियों द्वारा की जा रही बयान बाजी खुद सवालों के दायरे में है उनके द्वारा पहले वाहन को खराब बताया जाता है फिर मेजर प्राब्लम बताई जाती है और ठेकदार जीवन लाल यादव के साथ मारूति ईको वाहन किराये पर लगाने वाले रजनीश गौतम द्वारा वाहन हटाने के लगभग 21 दिनों बाद विभाग द्वारा ताप विद्युत गृह में इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) लगाने के इंक्वायरी की अंतिम तारीख 19 नवंबर जारी की जाती है और उस दिनांक को तिरूपति कंस्ट्रक्शन व शिवांस कंस्ट्रक्शन के द्वारा इंक्वायरी शर्तो को पूरा करते हुये भरी जाती है,लेकिन उस दिनांक को इंक्वायरी अधिकारियों द्वारा न खोल कर उसकी तारीख 7 दिनों याने की 26 नवंबर तक बढा दी जाती है। इस बीच अन्य किसी के द्वारा इंक्वायरी में भाग नही लिया जाता फिर भी 6 दिन याने की 2 दिसंबर तक के लिये फिर इंक्वायरी की तारीख बढा दी गई। और जिसे आज दिनांक तक नही खोला गया जो खुद सवाल खडा कर रही है।
क्यों नही खोल रहे प्राइज विड
ताप विद्युत गृह में इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) लगाने के इंक्वायरी निकालने के बाद अधिकारियों के द्वारा बढाई जा रही तारीख पे तारीख उनकी चाल जाहिर कर रही है,जबकि नियमतः इंक्वायरी भरे जाने के बाद उसे उसी दिनांक को खोलना चाहिये यदि दो ठेकेदारों ने उसमे भाग लिया है तो दूसरी बार बढाई गई तारीख को अनिवार्य रूप से उसे खोलना होगा और जिस ठेकेदार ने कम रेट कोड किया होगा उसे ठेका देना होगा,लेकिन यहां तो तारीख पे तारीख बढ रही है जबकि प्राइज विड खोल देना चाहिये,लेकिन यहां प्राइज विड न खुलना समझ के परे है।
तो अपनायेंगे और भी हथकंडे
ताप विद्युत गृह चचाई के पीएनडब्ल्यू और एसी सर्विसेज विभाग मे पदस्थ अधिकारियों के द्वारा चहेतो को बचाने के लिये और भी कितने हथकंडे अपनाये जायेगें दिन प्रतिदिन सामने आयेगा। और यदि ऐसा नही है तो नियम व शर्तो के अनुरूप अधिकारी कार्य क्यों नही लेते। जांच हुई तो किसने कब क्या किया और क्यों और कैसे किया यह सब कुछ सामने आयेगा जल्द ही पूरे मामले में बिजली उत्पादन कर्मचारी संघ मध्यप्रदेश के द्वारा न्यायालय में परिवाद दायर कर निष्पक्ष जांच की मांग करेगा।
इनका कहना है
मेरे द्वारा ठेकेदार जीवन लाल यादव को मारूति ईको प्रतिमाह 23 हजार 500 रूपये की दर से किराये पर दिया गया था किराया प्रतिमाह न दिये जाने के कारण मैने पावर हाउस से व वाहन हटा लिया। मेरी मारूति ईको में किसी प्रकार का कोई फाल्ट नही है मै खुद अपने गृह कार्य के लिये व किराये में चलाने हेतु उसका उपयोग करता हूं।
रजनीश गौतम,ईको वाहन मालिक
इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) को ठेकेदार द्वारा अनुबंधित समय के पूर्व हटा लेने के मामले में विभागीय कार्यवाही की जा रही है,आउटेज ठेकेदार द्वारा लगाये गये बिलो से नियमतः काटा जायेगा।
आर.के. कोहली
कार्यपालन अभियंता
अधीक्षण यंत्री कार्यालय सेवायें
ताप विद्युत गृह चचाई
छःमाह की इमरजेंसी सेवा वाहन (एम्बूलेंस) के लिये निकाली गई इंक्वायरी मुख्य अभियंता के आदेश के बाद खोली जायेगी,बांकी जिस भी ठेकेदार ने अनुबंधो का पालन नही किया है उसके विरूद्ध अधीक्षण यंत्री कार्यालय सेवायें के द्वारा कार्यवाही की जायेगी।
एस.के. दुबे
अधीक्षण यंत्री
क्रय एवं कार्य विभाग
ताप विद्युत गृह चचाई