सरकार की स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को कर्मचारी लगा रहे पलीता

सरकार की स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को कर्मचारी लगा रहे पलीता
jp rai टीकमगढ़, प्रशासन की लाख कोशिश के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं सुधर रही स्वास्थ्य व्यवस्थाये, अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बंद रहते है जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती है जिसकी वजह से बीमार लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है जगदीश प्रसाद यादव निवासी नैगुवां और रामकुमार खरे एवं सतीश नायक ने निवासी वैसा ने बताया कि हम लोगों को सरकार के द्वारा चलाये जा रहे उप सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का लाभ नहीं मिल पाता सीधे या तो बल्देवगढ़ अस्पताल जाना पड़ता है या फिर टीकमगढ़। क्षेत्र के उप सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खुलते ही नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की बत से बत्तर व्यवस्थाये लाख कोशिश के बाद भी सुधर नहीं पा रही है शासकीय राजेन्द्र अस्पताल में निरन्तर मरीजों की संख्या बढ़ रही है और डॉक्टरों की संख्या कम रही है। यही आलम निवाड़ी क्षेत्र का है जहां पर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश उपसामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र्र्र्र बंद रहते है जिसकी वजह से शासन के द्वारा दिया गया करोड़ो रूपए इन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को जिले में दिया जाता है सामुदायिक सेवाओं के लिये लेकिन उसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है बल्कि इसका लाभ सीधा प्राइवेट अस्पतालों को मिलता है। पलेरा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवायें और स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। यही आलम बल्देवगढ़, खरगापुर, और भेलसी, देरी, लिधौरा, करगुंवा, बम्हौरी, बेरवार, इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवायें लगभग न के बराबर देखी जा रही है। बम्हौरी कलां में भी यही आलम है कि कंपोडर के भरोसे चल रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दस बजे सामुदायिक स्वास्थ्य के खुलते है और एक घण्टे बाद बंद हो जाते है। हेरान करने वाली बात यह है कि जब सीएमएचओं इनकी जांच करने जातीे है तो कई उपस्वास्थ्य केन्द्र जो कभी नहीं खुलते वह भी उस दिन साफ-सफाई करके खोल दिये जाते है। क्या कहते है अधिकारी इस मामले में जब सीएमएचओ डॉ. वर्षा राय से बात की तो उन्होने कहा कि इन सेंटरो की हम जांच करवा लेते है और अगर जांच के दौरान ये उपस्वास्थ्य ंबंद पाये जाते है या समय से नहीं खुल रहे है तो सम्बन्धित कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।