GCF अफसर एस सी खटुआ लापता, धनुष तोप केस में CBI जांच के दायरे में

GCF अफसर एस सी खटुआ लापता, धनुष तोप केस में CBI जांच के दायरे में

जबलपुर
जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर एस सी खटुआ संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं. धनुष तोप में चीनी कलपुर्जों के मामले में वो CBI जांच के दायरे में थे. खटुआ की पत्नी ने उनके लापता होने की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी है. वो 17 जनवरी को घर से निकले थे, लेकिन अब तक लौटकर नहीं आए हैं. उनकी आख़िरी लोकेशन शहर के मदन महल स्टेशन के पास ट्रेस हुई है.

जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री GCF के जूनियर वर्क्स मैनेजर एस सी खटुआ लापता हैं. खाटुआ की पत्नी मौसमी खाटुआ ने शहर के घमापुर थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी है. खटुआ धनुष तोप में चीनी कलपुर्जों के इस्तेमाल के मामले में CBI जांच के दायरे में थे. इसी महीने 10 जनवरी को CBI ने जबलपुर में उनके घर और दफ़्तर पर छापा मारा था. खटुआ लंबे समय से जबलपुर की खमरिया स्थित इस गन कैरेज फैक्ट्री में जूनियर वर्क्स मैनेजर हैं.सूत्रों के मुताबिक CBI ने उनके बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली तलब किया था.

जबलपुर की गन कैरेज फैक्ट्री में बनने वाली धनुष तोपों में जर्मनी के कलपुर्जे बताकर चीनी कलपुर्जे इस्तेमाल किए गए थे. इन स्वदेशी तोपों के कलपुर्जों में इसी गड़बड़ी की CBI जांच बैठी और उसी सिलसिले में टीम ने 10 जनवरी को जबलपुर में फैक्ट्री और खटुआ के घर और ऑफिस पर पर छापा मारा था. टीम ने जीसीएफ पर दबिश देते हुए कलपुर्जों की ख़रीद से जुड़े कई अहम दस्तावेज़ और उपकरण सीज़ कर दिए थे.

जूनियर वर्क्स मैनेजर एस सी खटुआ धनुष तोप की बेयरिंग खरीदी प्रक्रिया से जुड़े थे.टीम ने उनके घर और दफ़्तर पर छापा मारकर वहां से कम्प्यूटर ज़ब्त किया और उनके बयान दर्ज किए थे. ये दूसरा मौका था जब सीबीआई की टीम इस केस की जांच के लिए जबलपुर पहुंची थी.

धनुष तोपों में चीनी कलपुर्जे का मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने दिल्ली की सिद्ध सेल्स सिंडीकेट कंपनी सहित अज्ञात अधिकारियों के ख़िलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. 2017 में सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली की सिद्ध सेल्स सिंडिकेट के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. साथ ही जांच एजेंसी ने जबलपुर की गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ) के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साज़िश, धोख़ाधड़ी और जालसाज़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. मामला उजागर होने के बाद 2 दिन तक जबलपुर में सीबीआई की टीम ने कई अधिकारियों से पूछताछ की. धनुष सेक्शन की फाइल नंबर 13 एफ 003 को ज़ब्त किया था.