D mishraग्वालियर, उच्च न्यायालय ने अवैध कॉलोनियों को जिस धारा 15 ए के तहत नियमित किया जा रहा था उस धारा को ही सोमवार को शून्य घोषित कर दिया है। उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए अब तक की गई संपूर्ण प्रक्रिया ही निरस्त हो गई है। न्यायालय ने शासन को यह स्वतंत्रता दी है कि नगर निगम एक्ट की धारा 292 ई के प्रावधानों के तहत अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई की जा सकती है। न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने यह महत्वपूर्ण आदेश अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने के भाजपा सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए प्रस्तुत की गई जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।
याचिकाकर्ता का कहना था कि चुनाव से पूर्व भाजपा सरकार ने यह घोषणा चुनाव में लाभ लेने के लिए की थी। याचिकाकर्ता ने नगर निगम के कॉलोनाइजर रुल 15 ए की वैधता को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि यह नियम गलत है। राज्य शासन द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने से प्रदेश में अवैध कॉलोनियां विकसित करने वालों को बढ़ावा मिलेगा। इससे लोग वैध कॉलोनी के बजाए अवैध कॉलोनियों का विकास करेंगे और फिर उसे वैध करा लेंगे। शासन ने इस मामले में जवाब प्रस्तुत करते हुए कहा था कि सभी लोगों को रहने के लिए घर मिले इस दृष्टि से अवैध कॉलोनियों को वैध करने का कदम उठाया गया है। सरकार लोक हित में इस प्रकार का कदम उठा सकती है।
पूर्ववर्ती शिवराज सरकार को झटका
आपको बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में ऐसे सरकारी सर्वे नंबर पेश किए,जिन्हें नियम विरूद्ध वैध कॉलोनियों में शामिल कर दिया गया। जिसके बाद सभी तथ्य जानने के बाद हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार की धारा-15 ए को खत्म कर दिया है। इसके बाद पूर्ववर्ती शिवराज सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने के फैसले को पलट दिया है।
दोषी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश
इसके साथ ही इस धारा-15 ए जिसके बाद अब फिर से अवैध से वैध हुई कॉलोनियां फिर से अवैध हो गई हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि अवैध कॉलोनियों को बसाने के दौरान जिम्मेदारों अफसरों के खिलाफ भी निगम की धारा 292 ई के तहत कार्रवाई की जाएग।इसके लिए दोषी उस सर्किल के डिप्टी कलेक्टर,तहसीलदार,आरआई, अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
6 हजार कालोनी होनी थी वैध
यहां बता दें कि 8 मई 2018 को प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी और इसकी शुरुआत ग्वालियर से ही की गई थी। इसके तहत ग्वालियर नगर निगम सीमा की 690 अवैध कॉलोनियों में पहले चरण में 63 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही प्रदेश की 4624 कॉलोनियों को वैध करने का एलान किया था। लेकिन अब हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद यह कालोनियां फिर से अवैध हो गयी है। हालांकि शिवराज सरकार के समय ही शासन की इस योजना को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके बाद सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है।
प्रदेश में अवैध कॉलोनी पर एक नजर
5197 अवैध कॉलोनियां हैं।
4759 वैध किए जाने योग्य कालोनियों की संख्या।
237950 परिवार वैध किए जाने योग्य कालोनियों में।
690 अवैध कॉलोनी है ग्वालियर में
63 अवैध कॉलोनियों को पहले चरण में वैध किया।