MP PCC अध्यक्ष को लेकर घमासान तेज, अलग-अलग गुट आ रहे सामने

भोपाल
मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर घमासान तेज हो गया है. पार्टी के अलग-अलग धड़े अपने-अपने नेताओं को पीसीसी (PCC) चीफ बनाना चाहते हैं. सरकारी बंगलों पर दावेदारी की चर्चा हो रही है, तो दावेदार अपनी ताकत को दिखाने से भी नहीं चूक रहे हैं. पीसीसी चीफ की रेस में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का नाम भी तेजी से सामने आया है. उनकी दावेदारी को लेकर सियासत का केंद्र बिंदु उनका सरकारी बंगला बन गया है. उनकी इसी दावेदारी के लिए बंगले पर 25 से ज्यादा विधायक (MLA) एकजुट हुए. सभी ने अजय सिंह को पीसीसी चीफ बनाने का समर्थन किया.
दिल्ली (Delhi) में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को लेकर मंथन हुआ. इस मंथन के बाद प्रदेश की सियासत में हचलच तेज हो गई. समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं की दावेदारी करना शुरू कर दिया. पार्टी के अलग-अलग गुट खुलकर सामने आने लगे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों ने उनके नाम को हाईकमान तक पहुंचाया, तो दूसरी तरफ पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के नाम को लेकर भी सियासत तेज होने लगी. सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कद्दावर मंत्री गोविंद सिंह ने अजय सिंह से उनके बंगले पर मुलाकात की. इस लंबी चर्चा के पीछे पीसीसी चीफ की रेस में उनका नाम ही था. इसके बाद अचानक 25 से ज्यादा विधायक एक-साथ अजय सिंह के बंगले पहुंचे और एक घंटे की चर्चा के बाद सभी विधायकों ने बंगले से बाहर निलकर अजय सिंह को पीसीसी चीफ का सबसे सही उम्मीदवार बताया. उन्होंने अजय सिंह के नाम का समर्थन किया. कांग्रेस विधायक केपी सिंह ने कहा कि अजय सिंह वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें पीसीसी चीफ बनाना चाहिए.
अजय सिंह ने अपने नाम को लेकर सभी अटकलों पर विराम लगाने का काम किया है. बंगले पर विधायकों से चर्चा के बाद अजय सिंह ने न्यूज 18 से बातचीत की. उन्होंने कहा कि उनका नाम पीसीसी चीफ की रेस में शामिल नहीं है और न ही पहले कभी था. सोनिया गांधी पीसीसी चीफ के नाम का ऐलान करेंगी. वही अंतिम निर्णय लेंगी. हालांकि, अजय सिंह के बंगले पर हुई चर्चा के कई मायने निकाले जा रहे हैं. पहला मायना खुद की दावेदारी को लेकर है, तो दूसरा मायना किसी की दावेदारी के विरोध को लेकर है. सिंधिया और अजय सिंह के नाम के अलावा भी सीएम कमलनाथ के करीबी कहे जाने वाले बाला बच्चन का नाम भी पीसीसी चीफ के रेस में सबसे आगे है. इसके अलावा भी कई नाम हैं. लेकिन गुटों में बंटी कांग्रेस के अलग-अलग धड़े अपने-अपने नेताओं को पीसीसी चीफ बनाने के लिए मुहिम चला रहे हैं.