उमरिया, मानपुर तहसील के मोहवाला ( बल्होड़) पंचायत की रेत खदान शिकायत के बाद भी खनिज बिभाग ने शुरू करा दी, जबकि मामला सिया से होते हुए सेक में पहुंच चुका है ओंर पूरे मामले को छानबीन शुरू हो चुकी है, लेकिन पंचायत की खदान में रीवा के भाजपा नेता ने शुरू से ही कब्ज़ा कर रखा था, बांधवगढ़ के अधिकारियो की फ़र्जी अनापत्ति बनवाकर अंतत : कथित नेता ने खदान को शुरूआत करवा दी ।
बांघबगढ़ टाईगर रिजर्व और बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना से बल्होड़ होकर गुजरने वाली सोन नदी के घाट पर खसरा क्रमांक 317/ 384 में 10.11 हेक्टेयर क्षेत्र मेँ पंचायत के माध्यम से नये नियमों के तहत रेत खदान स्वीकृत की गई थी , जारी की गई पर्यावरण स्वीकृति में पूर्व में जारी पर्यावरण स्वीकृति और उसके निरस्त होने और कई बिन्दुओं में अतर होने के बाद शिकायत संभाग से लेकर भोपाल और दिल्ली तक पहुची थी , सिया ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पूरा मामला सैक को भेज दिया है । वहीं खनिज विभाग के अधिकारियों ने भाजपा नेता के सामने घुटने टेकते हुए सारी जानकारी होने के बाद भी खदान से रेत के खनन की अनुमति जारी कर दी। बांधवगढ़ के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने बल्हौड़ रेत खदान के लिए किसी भी प्रकार की कोई अनापत्ति जारी ही नहीँ की है वह जल्द ही फर्जी अनापत्ति के सहारे अनुमति हासिल करने वाले के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे।

बांघवगढ़ टाईगर रिजर्व के अधिकारियों की माने तो उन्होंने बल्डोड़ रेत खदान की अनापत्ति नहीं ही है, केवल सुखदास और अमिलिहा खदान के लिए ही उनके विभाग से अनापत्ति दी गई है इतना ही नहीं न तो बल्होड़ खदान की जीपीएस रीडिंग ली गई और न ही स्थल परीक्षण के लिए वह वहा पर गये, पंचायत की और से कई लोगों ने संपर्क जरूर किया लेकिन प्रतिबंधित क्षेत्र होने के चलते उन्होंने इंकार कर दिया इतना ही नहीं अधिकारियों का यह भी कहना है कि किसी ने फर्जी पत्र के सहारे अनापत्ति प्राप्त करने का काम किया है जिसके खिलाफ जल्द ही एफआईआर दर्ज कराई जायेगी।
पूरें मामले की शिकायत लंबित होने के बावजूद खनिज विभाग के अधिकारियों ने बीते दो दिनों से सेंट पोर्टल के माध्यम से बल्होड़ रेत खदान में रेत खनन की मंजूरी है दी, जबकि अधिकारी इस बात को अच्छे से जानते थे कि 2016 में प्राइंम इंडिया को जारी हुई पर्यावरण स्वीकृति को सिया ने बांघवगढ़ के अधिकारियों के अपत्ति के बाद निरस्त कर दिया था क्योंकि उक्त खदान टाईगर रिजर्व के 2 किलोमीटर के भीतर है पंचायत के माध्यम से 2018 में जारी हुई पर्यावरण स्वीकृति में तात्कालीन कलेक्टर और खनिज अधिकारी ने भाजपा नेता को उपकृत करते हुए सिया से पर्यावरण स्वीकृति जारी कराने की हरी झंडी दे दी। मामला सामने आने के बाद शिकायत भी हुई, लेकिन अपने पुराने आका को बचाने के लिए विभाग के एक अधिकारी ने वर्तमान कलेक्टर को धोखे में रखकर बल्होड़ खदान में भाजपा नेता को रेत निकालने की अनुमति दिलवा दी ।
मानपुर तहसील की अगर बात की जाये तो लगभग पूरा क्षेत्र बांघवगढ़ टाईगर रिजर्व से जुडा हुआ है इसके अलावा बाणसागर परियोजना की भी हद लगती हैं, तात्कालीन कलेक्टर और खनिज अधिकारी ने बेल्दी, पडवार सुखदास, सलेया सहित अन्य स्थानो पर पजीरी की तरह भण्डारण ओंर रेत की खदानें स्वीकृत कर ही यहा पर माफियाओं और बदूकधारियों ने अपनी पैठ जमा ली है आये दिन विवादों की स्थिति भी निर्मित होती है ग्रामीणजन सहित जनप्रतिनिधियों ने कई शिकायते की लेकिन पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बना बैठा है । यही हाल रहा तो क्षेत्र में अशांति फैल सकती है और आने वाले दिनो में होने वाले लोकसभा चुनाव के दोरान यह कारोबार आयोग के लिए नासूर बन सकता है ।
इनका कहना है...
बल्हाड़ रेत खदान के लिए किसी भी प्रकार को कांई अनापत्ति जारी नहीं का गई है न ही जीपीएस रीडिग सहित अन्य प्रकिया की गई है यह जरूर है कि सुखदास और अमिलिहा खदान के लिए अनापत्ति दी गई थी, लेकिन उनमें बल्होड़ शामिल नहीं , किसी ने फर्जी पत्र आर जानकारी के आधार पर अनुमति ले ली है उसके खिलाफ जल्द ही एफआईआर की कार्यवाही को जायेगी ।
दिनेश कुमार जामरे वन परिक्षेत्रक्तिकारी, मानपुर
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व, उमरिया
अगर गलत दस्तावेजो के आधार पर पर्यावरण स्वीकृति जारी कराईं गई होगी तो वाघवगढ़ के अधिकारियो से खुद दस्तावेजो के परीक्षण करवाये जायेगे , गलत होने यब सख्त कार्यवाही होगी । सिया द्वारा जारी शती के पालन में अगर कोई गडबडी मिली तो नियमानुसार कार्यवाही भी का जायेगी ।
राम सिह उइके जिला खनिज अधिकारी