अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने ज्ञापन देकर दर्ज कराई आपत्ति
भोपाल। भाजपा सरकार द्वारा एट्रोसिटी एक्ट में गया संशोधन अब सवर्ण समाज के लिए परेशानी का सबब बन गया है। चुरहट में एट्रोसिटी एक्ट के चलते आत्महत्या के लिए विवश हुए शिवम मिश्रा का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि राजधानी की बागसेवनिया पुलिस ने बिना जांच बीयू में कार्यरत संजीव भार्गव को इस एक्ट के तहत आरोपी बना दिया है। इसके बाद वस्तुस्थिति से वाकिफ स्थानीय रहवासियों में न केवल आक्रोश है बल्कि वह पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए सत्ता के दुरूपयोग के आरोप भी लगा रहे हैं।

घटना के बाद न्यायायिक जांच की मांग करते हुए प्रशासन व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर आक्रोश जताने वाले अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा का आरोप है कि यह कार्रवाई अंबाह के कांग्रेस विधायक कमलेश जाटव के दबाव में पुलिस द्वारा की गई है। क्योंकि भार्गव पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने वाला व्यक्ति उसका भाई राजेंश जाटव है। इनका यह भी आरोप है कि यह अपने नाम के आगे गौर लिखता है लेकिन जब उसको किसी को प्रताड़ित करना होता है, तो वह इसमें जाटव भी जोड़ लेता है। इतना ही नहीं उन्होंने यह कहते हुए चेतावनी भी दी है कि संजीव भार्गव को यदि न्याय नहीं मिलता है तो अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज मुख्यमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक ज्ञापन सौंपकर भविष्य में एट्रोसिटी एक्ट और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन एवं आंदोलन करने हेतु वचनबद्ध रहेगा। इस अवसर पर संगठन महामंत्री महेंद्र मिश्रा, महामंत्री विनोद पांडे, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रत्यूष त्रिपाठी, संभाग अध्यक्ष संजीव शर्मा सहित अध्यक्ष ग्रामीण संदीप शर्मा भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
यह है मामला
31 जनवरी को थाना बागसेवनिया भोपाल में संजीव भार्गव के खिलाफ मुरैना की रिजर्व सीट अंबाह से कांग्रेस के विधायक कमलेश जाटव के भाई के द्वारा एट्रोसिटी एक्ट का मुकदमा कायम करवाया गया। बताया जाता है कि अनावश्यक रूप से दबाव बनाने के लिए विगत डेड वर्षों से विधायक एवं उनके भाई द्वारा भार्गव परिवार को प्रताड़ित किया जाता रहा है। इसके पूर्व भी उनके द्वारा मुकदमा कायम करवाया गया था और मानसिक प्रताड़ना से भार्गव परिवार व्यथित है डरा हुआ है।