मानसून में इन बातों का ध्यान रखकर बचें हैजा से
उत्तर भारत के कई इलाको में मानसून आ चुका है। जगह जगह बारिश की बौछारें हो रही हैं। गर्मी के मौसम के बाद मानसून का इंतजार हर किसी को होता है। लेकिन ये मानसून का मौसम बरसात के साथ साथ बहुत सारी बीमारियां भी साथ लेकर आता है। मानसून में अक्सर दूषित पानी पीने से सबसे ज्यादा पेट के रोग होते है।
इस मौसम में दूषित पानी पीने से कई तरह के इंफेक्शन हो सकते है। कॉलेरा या हैजा भी एक ऐसी ही समस्या है। हैजा एक ऐसी संक्रमित बीमारी है जो शरीर में रोगाणु पहुंचने के बाद 24 से 72 घंटों के बीच कभी भी हो सकता है। कभी कभी तो इसके लक्षण पांच दिन के बाद देखने को मिलते है।
मानसून में इस बीमारी से बचने के लिए हम आपको कुछ टिप्स दे रहें हैं।
लक्षण
गंभीर रूप से दस्त लगना।
शरीर में पानी की कमी जैसे मुंह सूखना, पेशाब कम लगना और प्यास लगना।
लगातार बुखार आना।
थकान सी लगना।
साफ पानी पीएं
पीने और खाना बनाने के लिए साफ़ पानी का इस्तेमाल करें। किसी विश्वसनीय लैब से पानी की जांच कराएं और उसमें कोई बैक्टीरिया मिलने पर प्रशासन को सूचित करें। इस तरह के पानी को बिना उबालें न पीएं और खाना बनाने से पहले भी पानी को पर्याप्त उबालें। अगर आपके घर में वॉटर प्यूरिफिकेशन मशीन है तो उसके पानी की भी जांच कराएं। अगर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को बुलाकर फ़िल्टर बदलवाएं।
अपने आस-पास सफाई रखें
बाथरूम जाने केबाद और खाना खाने से पहले हाथ ज़रूर धोएं। हाथों को कम से कम एक मिनट तक साबुन से साफ करना चाहिए और उसके बाद साफ़ पानी से उसे धोना चाहिए। इस बात का भी ख्याल रखें कि आपके घर खाना बनानेवाले और उसे परोसनेवाले लोग खाना पकाने और परोसने से पहले अपने हाथ धुलें।
बर्तनों को साफ सुथरी जगह पर रखें
खाना खाने के लिए साफ बर्तन और चम्मचों का इस्तेमाल करें।
खाना खाकर बर्तन धोने के बाद इन्हें खुले में न छोड़े। इन्हें साफ करके अच्छी और साफ सुथरी जगह पर रखें।
हमेशा गरम खाना खाएं
भोजन को अच्छी तरह पकाकर खाएं, कच्ची सब्जियां न खाएं। खाना पकने के बाद उसमें धीरे-धीरे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए 2 घंटे से पुराना या बासी खाना खाने से भी बचें।
शरीर की हाईजीन का भी ध्यान रखें
नियमित रूप से अपने नाखून काटें। आपके घर में खाना बनाने वाले और नौकरों से भी नाखून काटने और साफ सफाई का ध्यान रखने के लिए कहें। बेमतलब चीज़ों को हाथ न लगाएं। साथ ही पेन या नाखून चबाने की आदतों से भी बचे और अपने बच्चों को भी ऐसा न करने दें।
संक्रमित का परिवार रखें खास ख्याल
हैजा के रोगी के परिवारवालों को कुछ विशेष सावधानियाँ बरतने की आवश्यकता होती है। मरीज की देखरेख करने वाले व्यक्ति अपने कपड़े बदलें एवं साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएँ।
घर पर पानी न रुकनें दें
घर के बरामदें या आसपास में पानी न ठहरानें दे, बारिश का पानी इक्ट्ठा होने पर उसकी निकासी पर ध्यान दें क्योंकि इससे हैजा फैलाने वाले बैक्टीरिया पनप सकते हैं।