भोपाल। देश में पुलवामा हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना के नाम शुरू हुई सियासत पर सेना के 5 रिटायर्ड अफसरों ने नाराजगी जताई है। राजधानी भोपाल में देश के विभिन्न शहरों से जुटे इन पूर्व सैन्य अफसरों ने संयुक्तरूप से सेना को राजनीतिककरन से बचाने मुहिम चलाये जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि लड़े सेना, क्रेडिट कोई दूसरा ले, यह शहीद के परिजनों का भी अपमान है।

यहां रिटायर्ड मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव, टीके कौल, गगनजीत सिंह चंडीगढ़, कर्नल मकबूल शाह ब्रिगेडियर अनिल मल्होत्रा और कर्नल शशि वैद्य ने कहा कि चुनाव चल रहा है, जिससे उठाये जाने वाले मसलो से सेना आहत हो रही है। चर्चा करते हुए टीके कौल ने कहा कि मैं कश्मीर पंडित हूँ और शांति का पैगाम लेकर आया हूँ। कश्मीर में काफी कुछ बताया जाता है। लेकिन मीडिया में जो बताया जाता है, वह सही नही है। भोपाल से हमारा गहरा संबंध है। क्योंकि हम सब हिंदुस्तानी है। उनका कहना था कि किसी पॉलिटिक्स पर हम बात नही करेंगे। लेकिन यह कहना चाहूंगा कि देश मे समय के साथ कई प्रधानमंत्री बने, पर किसी प्रधानमंत्री ने सेना को अपना बताने की कोशिश नही की है। आज हालात यह है कि लड़े फौज और क्रेडिट कोई और ले जाये, यह सेना और उनके परिजनों की बेइज्जती है। सेना का अपना सम्मान है। यहां उनका कहना था कि शहादत को वोट के लिए इस्तेमाल करे यह अच्छा नही कहा जा सकता है। सेना ने सर्वधर्म की स्थापना की है। हिंदुस्तान में 1947 और 65 में भी युद्ध हुए। बावजूद इसके किसी ने फायदा उठाने की जरूरत नही समझी। सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उन्होंने सेना की नियमित कार्यवाई बताते हुए बताया कि कई क्रॉस फायर हम सबने करवाया लेकिन कभी बताने और जताने की तब नैतिक रूप से आवश्यकता महसूस नही की गई है। सेना का राजनीतिककरण रोकने की जरूरत है। शार्ट टर्म गेम के कारण लम्बा नुकसान न हो यह सोचना चाहिए। नकली राष्ट्रवाद के खिलाफ सबको लड़ना होगा। मीडया और कुछ राजनेता इस दौर में नुकसान का कारण बन रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह सैनिको की मदद उनकी समस्याओं को दूर करने पर ध्यान देने पर यहां जोर दिया गया।
लगड़ी पेंशन है वन रैंक वन पेंशन
यहां रिटायर्ड कर्नल शशि वैद्य ने वन रैंक वन पेंशन को लंगड़ी पेंशन बताया है। मुहिम चली सरकार ने रेड्डी कमीशन की रिपोर्ट को अब तक लागू नही किया गया है। जबकि यह ढाई साल पुरानी बात हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में गए, तो सरकार ने लिखकर दे दिया कि और सुविधा नही मिलनी चाहिए। अभी राजनीतिक कारण किया जा रहा है । यह देश की सेना है, किसी वयक्ति के लिए नही है। पुलिस द्वारा की गई अलग अलग स्थानों में कई गई ज्यादतियों का उल्लेख्य करते हुए चेतावनी भी दी है, कि आगे किसी तरह की ज्यादती होगी तो हम उसका विरोध करेंगे। रक्षा बजट धीरे कम हो रहा है। जबकि दुश्मन देश अपना बजट बढ़ा रहे है। इस कमी को दूर किया जाय। पुराने के बजाय नए हथियार लिए जाए।
स्ट्राइक: नुकसान पहुँचा चुप हो जाना
गगनदीप ने सर्जिकल स्ट्राइक के सम्बंध में बताया कि यह कवायद पहले भी हुई है। जिसका उद्देश्य दुश्मन को नुकसान पहुंचाना और चुप हो जाना। बालाकोट में हमने किया, नुकसान क्या हुआ यह जानना हमारा काम नही है। इस स्ट्रीक को राजनीति क्यों करते हो।
पत्थरबाजी गलत
यहां लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा पत्थर बाजी गलत है। पार्टियों से लेना देना नही चाहिए। सीआरपीएफ के जम्मू में डेढ़ महीना पड़ा रहा है। एयर लिफ्ट नही दी गई। लिहाजा जवान शाहिद हो गए। उन्होंने स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के खुफिया तंत्र की नाकामी पर सवाल खड़े करते हुए सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि क्या इसके बाद सेना के नाम पर राजनीति करना क्या शोभा देता है।