rajesh dwivedi
सतना, विरोध और एट्रोसिटी एक्ट की खिलाफत की बुनियाद पर खड़ी टीम सपाक्स ने विधानसभा चुनाव 2018 में मैदान में उतरने के ऐलान के साथ बगावत की आवाज को बुलंदी देना शुरू कर दिया है। भाजपा और कांग्रेस में टिकट वितरण से असंतुष्ट लोगों का सहारा बने सपाक्स ने सतना में सबसे पहली सेंध भाजपा में लगाईं है और भाजपा के दो नेताओं को जिले की दो सीटों से चुनाव लड़ाने की बात कहकर सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। सपाक्स ने भाजपा के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष रामोराम गुप्ता को सतना से अपना प्रत्याशी घोषित किया है जबकि चित्रकूट सीट से सुभाष शर्मा डोली पर दांव लगाया है,हालांकि उसकी निगाह कांग्रेस नेता मनीष तिवारी पर भी थी।
सपाक्स पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए प्रदेश की 26 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा रविवार को कर दी है।

सपाक्स की पहली सूची में सतना जिले की तीन सीटों के लिए भी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है जबकि रीवा जिले की पांच एवं सीधी जिले की एक सीट के लिए भी प्रत्याशी घोषित किया गया है। सतना विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रामोराम गुप्ता सपाक्स प्रत्याशी होंगे जबकि भाजपा के ही युवा नेता सुभाष शर्मा डोली को चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से सपाक्स का उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा अमरपाटन क्षेत्र से प्रदीप गौतम प्रत्याशी घोषित किए गए हैं।
संभावना जताई जा रही है कि जिले की शेष चार सीटों से भी सपाक्स उम्मीदवारों के नाम भी जल्दी ही घोषित किये जायेंगे। पार्टी सूत्र बताते हैं कि सपाक्स की निगाह सतना विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट के लिए दावेदारी कर रहे मनीष तिवारी पर भी थी। मनीष से इसके लिए संपर्क भी किया जाता रहा है लेकिन कोई फैसला न होने के कारण सपाक्स ने रामोराम के नाम पर ही मुहर लगा दी। हालांकि सपाक्स का अभी पंजीयन नहीं हो पाया है लिहाजा प्रत्याशियों को कोई एक निश्चित सिम्बल तो नहीं मिल पायेगा लेकिन पिछले दिनों हुए आन्दोलनों के दौरान जुड़े सर्व समाज तक सपाक्स ने अपनी पहचान बना ली है।
पार्टी की अनदेखी से बढ़ी गुप्ता की नाराजगी
रामोराम गुप्ता ने सतना विधानसभा क्षेत्र से शंकरलाल तिवारी को टिकट दिए जाने की घोषणा के बाद बागी तेवर दिखाना शुरू कर दिया था । वे इसके पहले भी भाजपा से पर्चे दाखिल कर चुके हैं लेकिन बात चाहे महापौरी की रही हो या विधानसभा चुनाव की भाजपा संगठन ने उन पर दबाव बना कर उन्हें हर बार पर्चा निकालने के लिए बाध्य कर दिया। इस बार भी वे वैश्य समाज के लिए प्रतिनिधित्व की मांग पार्टी से कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को अनसुना कर दिया। लिहाजा भाजपा प्रत्याशी के नाम का ऐलान होते ही उन्होंने तेवर दिखाना शुरू कर दिया। माना जा रहा है कि रामोराम की उम्मीदवारी से भाजपा और वैश्य समाज के वोट प्रभावित हो सकते हैं। व्यापारी वोटों पर भी रामोराम सेंध लगा सकते हैं जिसका असर भाजपा और बसपा दोनों के ही प्रत्याशियों पर पड़ सकता है।
रोमांचक होगी चित्रकूट की लड़ाई
उधर चित्रकूट क्षेत्र से सुभाष शर्मा डोली को भी भाजपा के टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लोकसभा चुनाव के समय युवक कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष का पद छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए डोली चित्रकूट उपचुनाव के वक्त भी उम्मीदवारी की दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन अंतिम दौर में पार्टी ने शंकरदयाल त्रिपाठी को टिकट थमा कर डोली और उनके समर्थकों को निराश कर दिया। हालांकि इसके बाद भी डोली ने उपचुनाव में भाजपा के पक्ष में निष्ठ के साथ काम किया और अपने जिम्मे दी गई पोलिंगों में पार्टी को विजय दिलाई। लेकिन इस बार जब शंकरदयाल का भी टिकट काटा गया तब भी दौड़ में आगे आगे रहे डोली को भाजपा ने नजरअंदाज कर दिया। चित्रकूट से सुरेंद्र सिंह गहरवार को भाजपा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद डोली समर्थकों ने बैठक कर उनसे चुनावी मैदान में उतरने का आग्रह भी किया था। इधर सपाक्स को भी एक प्रभावी चेहरे की तलाश थी लिहाजा डोली के नाम का ऐलान कर दिया गया। माना जा रहा है कि डोली के मैदान में उतरने से चित्रकूट की चुनावी लड़ाई रोमांचक तो होगी ही परिणामों पर भी बड़ा असर डाल सकती है।
मैं अभी भी बीजेपी में : डोली
सपाक्स के लिाध्यक्ष ने भले ही यह कहकर पुष्टि कर दी कि डोली को त्रकूट से प्रत्याशी बनाया गया है लेकिन इस मामले में डोली का दो टूक कहना है कि वे अभी भी बीजेपी में हैं पार्टी से उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। डोली ने सटार समाचार को बताया कि वे अपने समर्थकों के साथ चर्चा कर रहे हैं लेकिन अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
रीवा की पांच सीधी की एक सीट
रीवा जिले की भी पांच सीटों पर सपाक्स ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। रीवा विधानसभा से सोमेश प्रताप सिंह ,मनगवां से कमल पासवान ,देव तालाब से राकेश सिंह तिवारी ,त्योंथर से धर्मेंद्र गौतम तथा सिरमौर से सतीश शुक्ला को उम्मीद्वार बनाया गया है। इसके अलावा सिहावल सीट से विनोद कुमार चौबे को सपाक्स ने प्रत्याशी बनाया है।
पहला झटका भाजपा को
सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों के समूह ने पहला झटका लगातार चौथी बार सत्ता के लिए छटपटा रही भाजपा को ही दिया है। टिकट वितरण के बाद बगावत की शुरूआत भी जिले में भाजपा से ही हुई है। रामोराम तो बागी हुए ही हैं नागौद में भी असंतोष की आग भड़की हुई है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गगनेन्द्र प्रताप सिंह भी टिकट न मिलने से नाराज हैं और लगातार समर्थकों के साथ बैठकें कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो बगावत की यह आंधी अभी थमने वाली नहीं है। कई और नाम भी सामने आ सकते हैं। उधर नाराजगी का दंश कांग्रेस को भी झेलना पड़ सकता है।
बसपा ने मैहर और नागौद से तय किये नाम
बहुजन समाज पार्टी ने भी रविवार को शैतान जिले की दो और सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए। बसपा द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार नागौद से राम बिहारी कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया गया है जबकि मैहर से नागेंद्र सिंह पटेल को उम्मीदवार घोषित किया गया है। सतना ,रैगांव ,रामपुर ,अमरपाटन ,चित्रकूट से बसपा पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।