RIL ने एक तिमाही में गगनयान मिशन के बजट से भी ज्यादा कमाया, जानें और भी बहुत कुछ
नई दिल्ली
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने तीसरी तिमाही में 10 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा कमाकर भारतीय उद्योग जगत के लिए एक मिसाल कायम किया है। इस मुकाम को छुने वाली यह देश की यह पहली निजी कंपनी बन गई है।
तुलनात्मक अध्ययन करें, तो रिलायंस ने एक तिमाही में 10,251 करोड़ रुपये की जो रकम कमाई है, उससे ओडिशा का कर्ज माफ हो सकता है जो 10,180 करोड़ रुपये है। इसकी एक तिमाही की कमाई से गगनयान परियोजना की फंडिंग की जा सकती है, जो 10,000 करोड़ रुपये है। इससे आयुष्मान भारत की फंडिंग की जा सकती है, जो 10,000 करोड़ रुपये है। इससे विश्वविद्यालयों का आधुनिकीकरण किया जा सकता है, जिसमें भी 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। रिलायंस की तीसरी तिमाही के मुनाफे से केंद्र सरकार के प्रचार-प्रसार पर होने वाले पूरे खर्च की फंडिंग की जा सकती है, जिसकी लागत 9,940 करोड़ रुपये है।
कुल आमदनी के संदर्भ में
आरआईएल की चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कुल आमदनी 1,71,336 करोड़ रुपये रही है, जो भारत की तीनों सेनाओं के डिफेंस बजट की फंडिंग के लिए पर्याप्त है। चालू वित्त वर्ष के लिए 1.60 लाख करोड़ के डिफेंस बजट की मांग की गई है। रिलायंस की तीसरी तिमाही की आमदनी से फूड सब्सिडी बिल की फंडिंग हो सकती है, जो 1,70,000 करोड़ रुपये है। यह साल 2025 तक 1,70,00 करोड़ रुपये के डिफेंस प्रॉडक्शन टर्नओवर के बराबर है। आरआईएल की तीसरी तिमाही की आय टीसीएस की वित्त वर्ष 2018 की 1,26,476 करोड़ रुपये की आय से थोड़ी अधिक है।
दुनिया के बीच आरआईएल
भारत में आरआईएल बौनों के बीच बिल्कुल गुलिवर की तरह है। लेकिन उसकी तुलना जब दुनिया की अन्य कंपनियों से की जाती है, तो मामला बिल्कुल उलट जाता है। उदाहरण के लिए ऐमजॉन ने वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में 4,02,547 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जबकि आरआईएल ने पिछले वित्त वर्ष में 4,17,127 करोड़ रुपये की कमाई की थी। अगर इसकी तुलना एपल से करें, तो दिग्गज स्मार्टफोन कंपनी ने सिर्फ चौथी तिमाही में ही 4,47,251 करोड़ रुपये की कमाई की थी।