एमपी सरकार से हाईकोर्ट ने ने किया सवाल रेप रोकने क्या किया

इंदौर मंदसौर रेप केस के बाद दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें पूछा गया है कि प्रदेश में बढ़ रही रेप की वारदातों को रोकने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं. सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है. कोर्ट ने एमपी के मुख्य सचिव, कमिश्नर इंदौर, आईजी, कलेक्टर इंदौर और एमवायएच अधीक्षक को नोटिस जारी किए हैं. मामले में अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी. दरअसल, अंशुमन श्रीवास्तव की ओर से हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में दायर याचिका में कहा गया है कि नाबालिगों से रेप की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं. याचिका में कहा गया कि मंदसौर की घटना के मामले में पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो रेपिस्ट उसी दिन पकड़े जाते. याचिका में रेप पीड़िता आठ साल की बच्ची का इलाज उपलब्ध कराने और एम्स में शिफ्ट करने की मांग भी की गई थी. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में हाल ही के दिनों में रेप की वारदातें अधिक देखने को मिली हैं. पिछले दिनों एक सप्ताह में मंदसौर और सतना जिले में रेप की दो बड़ी वारदातें सामने आईं हैं. मंदसौर जिले में आठ साल की मासूम से हैवानियत का मामला सामने आया जहां स्कूल गई आठ साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बर्बरता की गई. पीड़ित मासूम के शरीर के कई जगहों पर चोट के निशान हैं. मासूम का इलाज इंदौर के एमवाई अस्पताल में चल रहा है. वहीं सतना में एक चार साल की मासूम को उसके घर से उठाकर ले जाने और उसके बाद रेप की घटना सामने आई. बच्ची को गंभीर हालत में सतना से जबलपुर भर्ती कराया गया. उसके बाद उसकी गंभीर हालत देखते हुए बच्ची को दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है.