जमीन से जुडे प्रत्याशी को ही मिलेगा मतदाताओं का समर्थन
भोपाल, विधानसभा परिसीमन के दौरान गठित राजधानी की 155- हुजूर विधानसभा सीट की जनता को अब बाहरी उम्मीदवारों से कोफ्त होने लगी है। दरअसल जनता ने पिछले दो चुनावों में बाहरी उम्मीदवारों को अपना नेता बनाकर धोखा ही खाया है। फलस्वरूप इस बार क्षेत्र की जनता तीसरे विकल्प की तलाश में है। मजेदार बात यह है कि ‘बगल में बच्चा-नगर में ढिंढोरा’ की तर्ज पर यह तीसरा ठोस विकल्प भी जनता को अपने ही बीच नीलबड़ में ही लीलेंद्र सिंह मारण के रूप में मिल गया। गौरतलब है कि करीब चार दशक से क्षेत्र के हजारों लोगों के हितैषी और हृदयसम्राट एकमात्र ग्रामीण नेता सूरजसिंह मारण के सुपुत्र लीलेंद्र सिंह मारण का नाम ग्रामीण ही नहीं अपितु हुजूर विधानसभा के कोलार और बैरागढ़ नगरीय क्षेत्र में जन-जन के मानस पटल पर एक स्वच्छ और साफ-सुथरी छबि के नेता के रूप में अंकित है। उधर भाजपा के वरिष्ठ, मृदुभाषी, हरदिल अजीज और पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे ग्रामीण नेता सूरजसिंह मारण भी करीब पचास साल से क्षेत्र की जनता के लिए एक जननेता के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जिन्होंने गरीब तबके के लिए राजधानी में सूरजनगर सहित अनेक बस्तियों को बसाहट दी। आज भी गरीब जनता के लिए अपना हरसंभव मदद करने के लिए उनके हाथ हमेशा दाता के रूप में उठे रहते हैं। इस तरह सुपुत्र लीलेंद्र सिंह मारण भी कृषि और व्यवसाय के साथ-साथ लंबे समय से भाजपा की राजनीति से संबद्ध रहकर जनता की सेवा करते आ रहे हैं। यही वजह है कि आज लीलेंद्र सिंह मारण को नीलबड़ ही नहीं अपितु कोलार रोड, रायसेन रोड, विदिशा रोड, बैरसिया रोड से लेकर सीहोर रोड और श्यामपुर रोड स्थित हुजूर क्षेत्र के सभी ग्रामीण और बैरागढ़ एवं कोलार नगरीय क्षेत्र के मतदाता नाम और चेहरे से भलीभांति जानते हैं, उनसे परिचित हैं और उन्हें अपने नेता (विधायक) के रूप में देखना चाहते हैं।
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 Leelendra Singh Maran[/caption]
अनेक उपलब्धियां हैं खाते में 
ग्रामीण परिवेश में बाल्यावस्था से ही राजनीति से सरोकार रखने वाले लीलेंद्र सिंह मारण पूर्व में जहां फंदा जनपद पंचायत के सदस्य रह चुके हैं, वहीं नगर निगम के वार्ड-32 में शास्त्रीनगर स्थित शिवशक्ति मंदिर परिसर को अपना सेवा केंद्र बनाकर लोगों के बीच हमेशा सक्रिय और सरल सुलभ सहयोग करने में खुशी का अनुभव करते हैं। विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक स्तर पर उनके खाते में जनसेवा की अनेक उपलब्धियां गिनी जा सकती हैं।
तीसरा विकल्प क्यों : 
हुजूर विस क्षेत्र की जनता को तीसरे विकल्प की जरूरत क्यों पड़ी, इसके पीछे प्रमुख कारण यह है कि जनता द्वारा चुने गए पहले दो विधायक जनता की उम्मीद पर खरे नहीं उतरे। दरअसल विस सीट के गठन के साथ निर्वाचित विधायक जितेंद्र डागा के विरुद्ध रूसिया कांड में आरोप लगे, वहीं दूसरे विधायक रामेश्वर शर्मा की छबि एक अक्खड़ और घमंडी नेता के रूप में ही उभरी है। ज्ञात हो कि राजनीतिक दंभ में मशगूल विधायक रामेश्वर शर्मा ने जहां अपने ही कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता और अपमानजनक व्यवहार करने वाले नेता की छबि बनाई, वहीं प्रशासकीय अधिकारियों पर रौब जमाना और उन्हें सरेआम अपमानित करने के फलस्वरूप घमंडी दबंग नेता की छाप भी उन पर लग चुकी है। आम जनता का तो यहां तक कहना है कि रामेश्वर शर्मा को अगर इस बार पार्टी ने टिकट दिया तो भाजपा की यह परंपरागत सीट कांग्रेस की झोली में जाने से कोई नहीं रोक सकता। यही वजह है कि हुजूर की जनता ने तीसरे विकल्प के रूप में अपने ही बीच के मृदुभाषी तथा सहयोगी मानसिकता के धनी युवा नेता लीलेंद्र सिंह मारण को भावी विधायक के रूप में देखना शुरू कर दिया है।