...तो स्पीकर क्या करेगा?: सीपी जोशी 

...तो स्पीकर क्या करेगा?: सीपी जोशी 
नई दिल्ली, राजस्थान की सियासत में जारी दंगल अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. हाईकोर्ट के निर्देश को लेकर राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने इस मामले में सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है. बातचीत करते हुए सीपी जोशी ने कहा कि ये संविधान में लिखा गया है कि संसद कानून बनाएगी, कोर्ट उसपर नजर रखेगा. उन्होंने कहा कि किसी विधायक को अयोग्य घोषित करने का हक विधानसभा के स्पीकर का है. मैंने सिर्फ विधायकों को नोटिस दिया था, ऐसे में अभी तक मैंने कोई एक्शन नहीं लिया है. हाईकोर्ट के निर्देश को लेकर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि अगर अदालत कोई कार्रवाई करता है, तो वो तभी कर सकता है जब मैं कोई फैसला सुनाऊं. लेकिन अभी ऐसा नहीं हुआ है. इसलिए अब राजस्थान में संवैधानिक दिक्कत पैदा हुई है. राजदीप सरदेसाई के साथ खास बातचीत के दौरान राजस्थान के स्पीकर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते क्या मैं नोटिस भी जारी नहीं कर सकता हूं. मेरा अधिकार है नोटिस देने का, मैंने वो दे दिया है. लेकिन संविधान कहता है कि फैसले तक अदालत दखल नहीं दे सकता है, लेकिन अभी तो वहां तक बात नहीं पहुंची है. 'ये सिर्फ नियम का पालन, राजनीति नहीं' पायलट गुट के सवालों पर सीपी जोशी ने कहा कि इसमें कांग्रेस का सदस्य होने की कोई बात नहीं है, ये सिर्फ नियम है. मैंने एक स्पीकर होने के नाते नोटिस दिया है, कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता है. सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से जो चिट्ठी आई थी, उसपर मैंने सोच विचार किया और फिर ही नोटिस दिया है. इसमें कुछ नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट का नियम कहता है कि हाईकोर्ट फैसले से पहले तक दखल नहीं दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स को लेकर सीपी जोशी ने कहा कि 1992 से लेकर आजतक इस तरह हाईकोर्ट ने मामले में दखल नहीं दिया है, ये संविधान पीठ का फैसला है. उन्होंने कहा कि मैं स्पीकर के तौर पर फैसला ले रहा हूं, इसमें राजनीति का कोई काम नहीं है. गौरतलब है कि सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है. हालांकि, अदालत ने स्पीकर से विधायकों पर 24 जुलाई तक कोई एक्शन ना लेने की बात कही है. स्पीकर ने HC की बात मान ली है, लेकिन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है.