अगर उड़ाना चाहते हैं ड्रोन, तो पहले ट्रेनिंग लेकर लाइसेंस बनवा लीजिए

अगर उड़ाना चाहते हैं ड्रोन, तो पहले ट्रेनिंग लेकर लाइसेंस बनवा लीजिए

 
नई दिल्ली

अगर आप ड्रोन उड़ाने के शौकीन हैं, तो थोड़ा संभल जाइए जनाब। ड्रोन उड़ाने के लिए अब आपको लाइसेंस और गृह मंत्रालय से परमिशन की जरूरत होगी। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ड्रोन विमानों के लिए कड़े और खास नियम लाया है। 
 
DGCA के नियमों के मुताबिक, अब 2 किलो या इससे अधिक वजनी ड्रोन्स को उड़ाने के लिए लाइसेंस और ट्रेनिंग लेना जरूरी होगा। ड्रोन के लिए मिलने वाले इस लाइसेंस की फीस 25,000 रुपये तय की गई है। और इसे रिन्यू कराने के लिए 10,000 रुपये देने होंगे। 

इतना ही नहीं ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस तभी लागू होगा, जब आप DGCA के मान्यता प्राप्त संस्थान से ड्रोन उड़ाने के गुर सीख सकें। DGCA ने यह नियम देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किए हैं। DGCA ने ड्रोन विमानों को रिमोटली पायलट एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) के तहत शामिल किया है। इन ड्रोन विमानों को 5 कैटिगरी में बांटा गया है। 

इन कैटिगरी में सबसे कम भार वाले 250 ग्राम वजनी नैनो ड्रोन विमान हैं। इनका इस्तेमाल खिलोने के रूप में होता है। इसके बाद 250 ग्राम से लेकर 2 किलो वजनी ड्रोन को माइक्रो, 2 किलो से 25 किलो को स्मॉल, 25-150 किलो लार्ज या उससे बड़े आधार पर बांटा है। 

DGCA के मुखिया बीएस भुल्लर ने बताया, 'DGFT से लाइसेंस और DGCA से अनुमति लेने के लिए UIN के आधार पर आवेदन करना होगा। इन नियमों के तहत, '18 साल से ऊपर का व्यक्ति ही यह लाइसेंस बनवा सकता है। इसके लिए उसे 10वीं पास होना जरूरी है और 10 में इंग्लिश विषमें पास अंक भी जरूरी हैं।'