अभी 7 राज्यों की 252 सीटों पर विपक्ष को दिखी गठबंधन की संभावना: मिशन 2019

 नई दिल्ली 
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कई विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी के खिलाफ चुनाव-पूर्व गठबंधन पर काम शुरू कर दिया है। इन पार्टियों का लक्ष्य हर राज्य के मुताबिक गठबंधन करके अपनी राजनैतिक शक्ति को बढ़ाना और इन राज्यों में बीजेपी की सीटों को कम करना है। इस मामले से जुड़े नेताओं ने बताया कि अभी तक 7 राज्यों में इस तरह के गठबंधन की संभावना बना रही है, जहां बीजेपी और उसके सहयोगियों ने 2014 के बाद से तेजी से सफलता पाई है। 
 
जिन राज्यों में विपक्षी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ चुनाव-पूर्व गठबंधन की तैयारियों में जुटी हैं वे हैं- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर। इन 7 राज्यों में मिलाकर 252 लोकसभा सीटें हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इनमें से करीब 150 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं करीब एक दर्जन सीटों पर उसके सहयोगी दलों ने जीत दर्ज की थी। 

 
इन सातों राज्यों में बीजेपी लहर के अलावा गैर-बीजेपी दलों के बीच दूरी ने भी 2014 में भगवा पार्टी को जीत दिलाई थी। तमिलनाडु में बीजेपी को सिर्फ 1 सीट पर ही जीत मिली थी, लेकिन राज्य की 39 में से 37 सीटों पर जीत हासिल करनेवाली एआईडीएमके संसद के अंदर और बाहर बीजेपी के अनौपचारिक सहयोगी दल के रूप में काम कर रही है। 

सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियां इन राज्यों में सीट-बंटवारे के फॉम्यूले के साथ गठबंधन का ऐलान लोकसभा चुनावों की तारीख के बारे में स्पष्टता आने के बाद ही करेंगी। हालांकि, वे अभी से इन राज्यों में अपने वोटबैंक को गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर करने की रणनीति में जुट गई हैं। यह रणनीति 2004 की तरह होगी, जब विपक्षी पार्टियों ने वाजपेयी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए कई राज्यों में चुनाव-पूर्व गठबंधन किए थे। एक मुख्य विपक्षी पार्टी के सीनियर नेता ने कहा, 'इसका मतलब यह है कि हमारा ध्यान दोबारा ज्यादा-से-ज्यादा राज्यों में चुनाव-पूर्व गठबंधन पर है। बचे हुए राज्यों में चुनाव के बाद गैर-बीजेपी गठबंधन की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।' 

 
बीजेपी को हराने के लिए सभी दलों के साथ आने का मतलब यह है कि इनमें कई पार्टियों को सीट बंटवारे के समय बड़ा दिल दिखाना होगा। इसके तहत यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन की अगुवाई करेंगी जबकि कांग्रेस को कुछ अन्य दलों के साथ कम सीटों के साथ समझौता करना पड़ सकता है। यूपी की 80 सीटों में बीजेपी ने 2014 में 71 पर जीत हासिल की थी। इसी तरह बिहार में जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास 40 में से 39 सीटें हैं, आरजेडी, कांग्रेस, शरद यादव का गुट और जीतनराम मांझी एक साथ आ सकते हैं। यहां गठबंधन की अगुवाई आरजेडी करेगी। 

बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस, आरजेडी और बाबू लाल मरांडी के बीच गठबंधन की कोशिश हो रही है। बीजेपी के पास झारखंड की 14 में से 12 सीटें हैं। कर्नाटक में जेडीएस, कांग्रेस और बीएसपी का गठबंधन पहले से तैयार है। वहीं, तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस कुछ अन्य छोटी पार्टियों के साथ एक बार फिर से साथ आ सकते हैं।