ओखली या सिलबट्टे पर पीसी हुई चटनी सेहत के लिए फायदेमंद

ओखली या सिलबट्टे पर पीसी हुई चटनी सेहत के लिए फायदेमंद

 

भारतीय रसोई में सदियों से चटनी का एक अलग ही महत्व रहा है। अगर आपके भोजन में चटनी शामिल है, तो इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आपका खाना कितना सादा है, यह भोजन के स्वाद में चार चांद लगा ही देगी। पर ऐसा भी नहीं है कि चटनी केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि यह बहुत से पोषक तत्वों से निपुण है।

हालांकि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। एक बहुत बड़ी न्यूट्रिशियन का कहना है कि चटनी के अंदर बहुत से फाइटोकेमिकल्स और इसमें फाइबर मौजूद होता। जिसके बहुत से फायदे हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप चटनी बनाने का सही तरीका भी अपनाएं। चलिए जानते हैं कि किस तरह बनी हुई चटनी फायदेमंद है।

​इस तरह बनाए चटनी तभी होगा फायदा
भारतीय रसोई में सदियों से राज करने वाली चटनी बनाने का तरीका भी अगर पुराने हो तो ही यह फायदेमंद रहती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि जब चटनी बनाने के लिए सामग्रियों को कूटा जाता है। तो इससे चटनी के अंदर डाली गई सामग्रियों का स्वाद और उनके पोषक निखर कर बाहर आते हैं। इसलिए अगर आप चटनी के लाभ और स्वाद लेना चाहते हैं तो आप इसे ओखली, सिल बट्टे के जरिए ही बनाए।

​आधुनिक तरीका क्यों नहीं है सही
भारत में इस्तेमाल की जाने वाली प्राचीन तरीकों का भले ही लोग मजाक उड़ाते हों, लेकिन विज्ञान भी आज इन तरीकों के पीछे का कारण समझ रहा है। एक्सपर्ट की मानें तो जब आप मिक्सर या ग्राइंडर के जरिए चटनी तैयार करते हैं, तो इसमें डाली जाने वाली सामग्री का तापमान बढ़ जाता है। इससे सामग्री के अंदर मौजूद पोषक तत्व खराब हो जाते हैं। साथ ही इससे चटनी की महक, स्वाद पर भी असर पड़ता है। आइए जानते हैं क्या हैं चटनी के फायदे...

​पिंपल्स और पिगमेंटेशन से राहत
पिंपल्स और स्किन पिगमेंटेशन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए चटनी का सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अंदर पाए जाने वाले गुण स्किन की इन समस्याओं को आसानी से खत्म कर देते है और स्किन को बेहतर बनाने का कार्य करते हैं।

​इंसुलिन के लिए
चटनी के अंदर कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जैसे स्टेरोल्स और फ्लेवोनोइड्स यह तत्व शरीर में मौजूद इंसुलिन की बेहतर बनाने का कार्य करते हैं।

​हृदय के लिए
आज के समय में हृदय से जुड़ी बीमारियां कब किसी व्यक्ति को हो जाए यह कहना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन इससे बचने का एक तरीका चटनी हो सकती है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह शरीर पर कार्डियो प्रोटेक्टिव प्रभाव डाल सकते हैं। इसका मतलब की यह हृदय को समस्या से बचा कर रख सकते हैं।

​आंत के लिए फायदेमंद है
चटनी के सेवन के जरिए आंत का भी ख्याल रखा जा सकता है। दरअसल कुटी हुई सामग्री के जरिए तैयार की गई चटनी के अंदर मौजूद पोषक तत्व, आंत के बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं। जिससे आंत को फायदा होता है।

मीठे की क्रेविंग करती है कम
आपने अक्सर बहुत सारे लोगों को खाना खाने के बाद मीठा खाते हुए देखा होगा। अगर आपको भी भोजन के बाद मीठा खाने का मन करता है, तो ऐसे में आप खाने के साथ चटनी का सेवन करें। इससे आपकी मीठे की क्रेविंग खत्म होने लगेगी।

​चटनी का सेवन कितना
आमतौर पर भारतीय रसोई के अंदर पुदीना, टमाटर, मूंगफली, तिल और करी पत्ते के द्वारा चटनी तैयार की जाती है। आप अगर चटनी का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप सप्ताह में तीन बार इसका सेवन जरूर करें। अब ज्यादा सोचिए मत आज से ही चटनी बनाईए और इसका लुत्फ उठाएं।