छिंदवाड़ा बनेगा स्पेशल इकोनामिक जोन, 400 किसानों की जमीन छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स के लिए तैयार
भोपाल
शिवराज सरकार के कार्यकाल में छिंदवाड़ा में सेज (स्पेशल इकोनामिक जोन) बनाने के लिए जमीन मांग रहे छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स को कमलनाथ सरकार ने जमीन देने की तैयारी की है। इसके लिए छिंदवाड़ा जिले की सौंसर तहसील के दर्जन भर गांवों में जमीन का अधिग्रहण आपसी सहमति से क्रय नीति के अंतर्गत किया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले ग्रुप के लिए जमीन दिए जाने की खातिर सरकार ने इसके लिए नोटिफकेशन भी जारी कर दिया है। नागपुर के हल्दीराम ग्रुप ने नाम से फेमस छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स द्वारा करीब डेढ़ दशक से यहां प्रोजेक्ट लगाने की कवायद की जा रही है पर अभी यह आकार नहीं ले सका है।
इंदौर में हुई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2016 में छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स के एमडी कमल अग्रवाल ने कहा था कि वे प्रदेश में 20 हजार करोड़ का निवेश करना चाहते हैं और इसमें से 2500 करोड़ का निवेश सेज के नाम पर छिंदवाड़ा में करना है। इस निवेश से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर एक लाख लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया गया था लेकिन हकीकत यह रही कि वास्तव मे निवेश नहीं हुआ।
सूत्रों के अनुसार छिंदवाड़ा जिले के करीब 400 किसानों की जमीन छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स को दी गई और निवेश नहीं होने के बाद यह मामला कोर्ट भी गया जिस पर कोर्ट ने जमीन लौटाने के आदेश भी दिए थे। इधर इंदौर समिट के बाद इस ग्रुप ने आवंटित जमीन का कुछ हिस्सा लेने से मना कर दिया था क्योंकि किसानों के भुगतान में दिक्कत आ रही थी। साथ ही ग्रुप द्वारा मांगी गई जमीन का कुछ हिस्सा वन विभाग के क्षेत्र में भी आ रहा था। इसके लिए छिंदवाड़ा प्लस को दी गई जमीन के बदले वन विभाग को अन्यत्र जमीन देने पर भी सहमति बनी थी।
दस दिन पहले छिंदवाड़ा कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने इस ग्रुप के लिए आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के आधार पर नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन में ग्रुप को सौंसर तहसील के दुधाला खुर्द, सावंगा, कोदाडोंगरी बी-1, कोदाडोंगरी बी-2, कोदाडोंगरी दवामी, कोदाडोंगरी मालगुजारी, सातनूर, खापाकरीमवार गांवों में जमीन देने का फैसला लिया गया है।