जिन्ना के बाद अलीगढ़ में सर सैय्यद की तस्वीर पर विवाद, छात्रों ने फोटोग्राफर को पीटा!
नई दिल्ली
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर जारी घमासान अभी थमा भी नहीं है कि एक और तस्वीर को लेकर विवाद सामने आ रहा है. अलीगढ़ के खैर कस्बे में मौजूद पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में एएमयू संस्थापक सर सैयद अहमद खां की तस्वीर हटा दी गई है. हालांकि इसको क्यों हटाया गया है इसकी वजह साफ नहीं हो पाई है. इस बीच अलीगढ़ में पत्रकारों के साथ हाथापाई की भी खबरें सामने आ रही हैं. स्थानीय रिपोर्ट्स की मानें तो प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों के एक धड़े ने फोटोग्राफर की पिटाई की है. कुछ और रिपोर्ट्स में दूसरे पत्रकारों से भी बदसलूकी की बात सामने आ रही है. यूनिवर्सिटी में अभी भी प्रोटेस्ट का दौर थमा नहीं है. इस बीच छात्र यूनियन जिन्ना की तस्वीर नहीं हटाने के सवाल पर अड़ा हुआ है.
क्या है सर सैय्यद की तस्वीर हटाने का पूरा मामला?
एक स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक गेस्ट हाउस से सर सैय्यद की तस्वीर बुधवार को हटाई गई. ऐसा क्यों किया गया इसकी जानकारी सिक्योरिटी स्टाफ से लेकर पीडब्ल्यूडी के अफसरों तक के पास नहीं है. दिलचस्प है कि सर सैयद के साथ ही यहां पर महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री आदि की तस्वीरें थीं. बाकी अब भी पुरानी जगह पर ही मौजूद हैं. पर सर सैय्यद की तस्वीर अचानक गायब हो गई है. लोकल रिपोर्ट्स के मुताबिक एक नेता के कहने पर तस्वीर हटाई गई है. पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीर नहीं होने पर नेता ने नाराजगी भी जाहिर की थी.
प्रोटेस्ट कर रहे हैं छात्र
इस बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के यूनियन हॉल में जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद थमा नहीं है. यूनिवर्सिटी कैम्पस में शुक्रवार से शनिवार रात रात 12 बजे तक इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया गया है. इससे पहले प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों ने बीजेपी सांसद सतीश गौतम और आरएसएस का पुतला जलाया. इसी दौरान एक अखबार के फोटोग्राफर के साथ मारपीट हुई. फोटोग्राफर का आरोप है कि एएमयू प्राक्टोरियल टीम के सुरक्षा कर्मियों ने उसे दौड़ाकर परिसर से बाहर भगा दिया और फायरिंग भी की. हालांकि प्राक्टोरियल टीम का कहना है कि फोटोग्राफर को बचाने के लिए सुरक्षाकर्मी ने फायरिंग की थी और उसे सुरक्षित बाहर निकाला.
कौन थे सर सैय्यद अहमद ख़ान
सर सैयद अहमद ख़ान शिक्षक और नेता थे. उन्हें भारत के मुसलमानों की आधुनिक शिक्षा की शुरुआत करने वाला माना जाता है. उन्होंने मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की थी जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना.