डेविड जॉन और पूर्व कोच मारिन ने खत्म किया करियर: सरदार सिंह
भुवनेश्वर
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह ने अपने रिटायरमेंट पर पहली बार खुलकर बात की। उन्होंने अपने करियर के जल्द खत्म होने के लिए हॉकी इंडिया के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर (HPD) डेविड जॉन और पूर्व कोच शोर्ड मारिन को सबसे बड़ी वजह बताया है। बता दें कि हाल ही में एशियन गेम्स के सेमीफाइनल में भारत को मलयेशिया के खिलाफ हार के बाद ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा था। इसके बाद सरदार ने संन्यास की घोषणा कर दी थी। पूर्व कप्तान सरदार ने कहा कि कोच रोलेंट ऑल्टमैंस को हॉकी इंडिया का कोच पद से हटाना उनके खिलाफ गया। उनकी जगह नीदरलैंड्स के शोर्ड मारिन ने ली, जो करियर खत्म होने के लिए सबसे बड़ी वजह बने। भारत के सबसे सफल मिडफील्डरों में से एक सरदार ने कहा, 'मेरे संन्यास के फैसले के पीछे कई वजहें रहीं। ओल्टमैंस के हटाए जाने के बाद कई चीजे घटीं। जॉन और नए विदेशी कोच (शोर्ड मारिन) युवा खिलाड़ियों का उपयोग करना चाहते थे। हमने एशिया कप (2017) जीता था और मैं अपने करियर के और लंबा होने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन बिना किसी बातचीत के मुझे टीम से बाहर कर दिया गया।'
उन्होंने कहा, 'उसके बाद मुझे सुल्तान अजलन शाह-2018 में जूनियर खिलाड़ियों के साथ भेजा गया, जो मलयेशिया में खेला गया। यहां से जब मैं वापस आया तो गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स से फिर मुझे नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बाद मैं खेलने को लेकर खुद से सवाल करने लगा।' उन्होंने जॉन को झूठा होने का आरोप लगाते हुए बताया कि नैशनल कैंप के दौरान यो-यो टेस्ट में उनका स्कोर 21.4 था। बावजूद इसके कोच जॉन ने उन्हें सार्वजनिक रूप से धीमा करार दिया। भारत के लिए 314 मैच खलने वाले इस दिग्गज ने कहा, 'मैं कभी फास्ट नहीं था। मेरा खेल भी कभी उस तरह का नहीं रहा। इसलिए मुझे नहीं पता कि जॉन ने ऐसा बयान क्यों दिया।' उन्होंने यह भी बताया कि कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 से पहले आयोजित नैशनल कैंप के खत्म होने के बाद टीम की घोषणा हुई, लेकिन यह खिलाड़ियों के सामने नहीं हुई थी। दरअसल, खिलाड़ियों के कमरों के दरवाजे पर पेपर शीट चस्पा किया गया था। पेपर पर जिनके नाम थे उन्हें मैदान में आना था, बाकियों को बाद में बताने की बात की गई थी। गौरतलब है कि जब कॉमनवेल्थ में भारतीय हॉकी टीम चौथे नंबर पर रही तो मारिन को कोच पद पर से हटा दिया गया। उनकी जगह हरेंद्र सिंह कोच बने। दूसरी ओर, जॉन अब भी हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर हैं।