दांतों में झनझनाहट से बचने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं

दांतों में झनझनाहट से बचने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं

 

ठंडे खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन करने के बाद दांतों में झनझनाहट होना एक आम समस्या है। इसे टूथ सेंसिटिविटी या डेंटिन हाइपरसेंसिटिविटी कहा जाता है। यह ठंडा, गर्म या शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों को खाने के बाद दांतों में होने वाला दर्द है। यह हल्का और गंभीर हो सकता है। हर दिन लाखों लोग टूथ सेंसिटिविटी की समस्या से जूझते हैं।

दरअसल, कुछ खाद्य पदार्थों को खाने से मुंह में मौजूद बैक्टीरिया अम्ल में बदल जाते हैं। यह अम्ल दांतों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डेंटल सेंसिटिविटी की समस्या हो जाती है। लेकिन कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करके दांतों की इस समस्या से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं दांतों में झनझनाहट से बचने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं।

फलों का करें सेवन
उच्च फाइबर वाली सब्जियां, जैसे सेब और केले का भी सेवन करना चाहिए, जिनके दांत संवेदनशील हैं। फ्रूट सलाद या स्वादिष्ट स्मूदी बनाकर इन फलों को आसानी से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। स्‍मूदी में दूध और फल का मिश्रण होना चाहिए।

​साबुत अनाज (होल ग्रेन)
जौ, ब्राउन राइस, बाजरा, ओटमील जैसे होलग्रेन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होते हैं। ये मुंह में अधिक लार उत्पन्न करते हैं जिससे दांतों से रसायन आसानी से हट जाते हैं। हालांकि आपको सीमित मात्रा में ही होल ग्रेन का सेवन करना चाहिए।

​मेवे
सुबह अनहेल्दी नाश्ता करने के बजाय काजू, बादाम और अखरोट जैसे मेवों का सेवन करना दांतों के लिए फायदेमंद है। मेवों में विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो सेंसिटिव दांतों के लिए अच्छे होते हैं। इसके अलावा मेवों में कैल्शियम और प्रोटीन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये दांतों को स्वस्थ रखते हैं।

सब्जियां
अधिक फाइबर युक्त सब्जियों का सेवन करने से दांतों में झनझनाहट की समस्या नहीं होती है। फाइबर से मुंह में अधिक लार बनता है जिससे दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ साफ हो जाते हैं। गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, आलू आदि सब्जियां दांतों के लिए फायदेमंद हैं।

​डेयरी उत्पाद
दांतों की सेहत के लिए डेयरी उत्पाद फायदेमंद है। दही और चीज में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है जो दांतों को मजबूत रखता है। एक कप सादा दही कुछ फलों के साथ खाने से दांतों में झनझनाहट नहीं होती है।

​खट्टे फल
संतरा, अंगूर, नींबू और अन्नानास जैसे खट्टे फलों में अम्ल की मात्रा अधिक होती है। इन्हें खाने से अधिक अम्लता के कारण दांतों में झनझनाहट हो सकती है।

कठोर और चिपचिपी कैंडी
कैंडी में शुगर की मात्रा अधिक होती है। इन्हें खाने से दांतों में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं और सेंसिटिविटी की समस्या उत्पन्न करते हैं। अधिक कठोर कैंडी भी दांतों के इनेमल को डैमेज कर सकती है।

आइसक्रीम
आइसक्रीम दांतों के इनेमल को बहुत अधिक प्रभावित करती है। इससे दांतों का प्रोटेक्टिव लेयर डैमेज हो जाता है। दांतों में झनझनाहट से बचने के लिए किसी भी मौसम में आइसक्रीम नहीं खानी चाहिए।

​सोडा
हर तरह के सोडा में फास्फोरिक और सिट्रिक एसिड अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये दांतों को डैमेज कर देते हैं और सेंसिटिविटी की समस्या उत्पन्न करते हैं। इसलिए सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।

दांतों को सुरक्षित रखने और झनझनाहट की समस्या से बचने के लिए हेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। साथ ही सोडा और अधिक खट्टे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए।