दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर संकट में, बना तो ये होंगी खूबियां

मथुरा

मथुरा में बननेवाले चंद्रोदय मंदिर समिति की प्लानिंग इसे दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर बनाने की है। यह मंदिर बनेगा तो मथुरा में लेकिन इसे बनवा रहा है बेंगलुरु स्थित इस्कॉन टेंपल। इस मंदिर के बनने की खबर के बाद जहां श्रीकृष्ण के भक्त खुशी से फूले नहीं समा रहे थे वहीं, अब अब हो सकता है कि इस मंदिर का प्रॉजेक्ट मझधार में अटक जाए। दरअसल, इस मंदिर के निर्माण पर रोक के लिए एनजीटी में याचिका दायर की गई है।

सूत्रों के मुताबिक, एनजीटी (नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) में याचिका दाखिल कर पर्यावरण कार्यकर्ता मणिकेश चतुर्वेदी ने रोक लगाने की मांग की है। याचिका के बाद एनजीटी द्वारा धार्मिक सोसायटी और केंद्रीय ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी को नोटिस जारी किया गया है। एनजीटी में दाखिल याचिक में कहा गया है कि मथुरा के वृंदावन में इस्कॉन द्वारा बनाए जानेवाले चंद्रोदय मंदिर के निर्माण से यमुना के भूजल स्तर पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

याचिका में आगे कहा गया है कि यमुना किनारे बनाए जा रहे 70 माले के इस मंदिर को 5.40 लाख वर्गफीट में बनाया जा रहा है। इस मंदिर के परिसर के चारों तरफ कृत्रिम तालाब बनाए जाने की योजना है और इस तालाब के निर्माण से यमुना का जलस्तर प्रभावित हो सकता है।

याचिका पर संज्ञान लेते हुए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षतावाली पीठ ने इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्ण कॉन्सिसनेस) और सीजीडब्लयूए (सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी) को नोटिस जारी कर 31 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा है।