'धर्मनिरपेक्ष' रचनाकार थे नीरज, हमेशा बांटते रहे मोहब्बत: राहत इंदौरी

इंदौरी
मशहूर गीतकार गोपालदास नीरज के निधन पर गहरा अफसोस जाहिर करते हुए प्रसिद्ध शायर राहत इंदौरी ने उन्हें 'धर्मनिरपेक्ष' रचनाकार बताया. इंदौरी ने कहा कि नीरज ने हिंदू और उर्दू के मंचों पर सबके साथ ताजिंदगी मोहब्बत बांटी.

शायर राहत इंदौरी ने कहा, 'नीरज एक सेकुलर (धर्मनिरपेक्ष) हिंदुस्तानी के साथ एक सेकुलर शायर भी थे. हमारे यहां आजकल दिक्कत यह हो गयी है कि हिन्दी कविता के मंचों पर अधिकतर कवि हिंदू हो जाते हैं और उर्दू मुशायरों में ज्यादातर शायर मुसलमान हो जाते हैं. लेकिन नीरज ऐसे कतई नहीं थे और हर मंच पर सबके साथ हमेशा मोहब्बत बांटते थे.'

68 वर्षीय शायर ने कहा कि नीरज कविता का एक पूरा युग थे. लोगों ने आधी सदी से भी ज्यादा उन्हें कविता पढ़ते सुना है और जिंदगी के प्रति उनके फलसफे को समझा है. उन्होंने कहा कि नीरज का निधन काव्य जगत का एक ऐसा नुकसान है, जिसकी भरपाई हो ही नहीं सकती. मैं प्रार्थना करूंगा कि उन्हें स्वर्ग में स्थान मिले. यादों के गलियारों में कदम रखते हुए इंदौरी ने कहा कि वह मेरे बेहद करीबी दोस्त थे और मुझसे बहुत स्नेह करते थे. मैंने उनके साथ न जाने कितने मंचों पर कविता पाठ किया है.