पटरियों पर रख दिया 17 फीट लंबा गाटर, ट्रेन को बेपटरी करने की थी साजिश

मेरठ
दिल्ली-मेरठ-देहरादून रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों को पलटाने की बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है। रविवार तड़के करीब चार बजे साजिशकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक पर 17 फुट लंबा लोहे का गार्टर रख दिया। देहरादून से दिल्ली जा रही नंदा देवी एक्सप्रेस के दो पहिये गार्टर के ऊपर चढ़ गए। लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। अचानक झटके लगने से यात्रियों में चींख-पुकार मच गई। गार्टर हटाने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया।
तड़के चार बजे नंदा देवी एक्सप्रेस देहरादून से दिल्ली जा रही थी। उसकी रफ्तार करीब 70 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। मेरठ के परतापुर क्षेत्र में पुट्ठा-कुंडा रेलवे फाटक के बीच में लोको पायलट को रेलवे ट्रैक की दोनों पटरियों पर लोहे का बड़ा गार्टर रखा दिखा। पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए। हालांकि तब तक ट्रेन के दो पहिये गार्टर के ऊपर चढ़ चुके थे। इससे गार्टर के तीन टुकड़े हो गए। अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगने से ट्रेन रुक गई। ट्रेन के झटके लेने से यात्रियों की नींद खुल गई। वे हड़बड़ा गए। लोको पायलट ने तुरंत पुट्ठा रेलवे फाटक को फोन करके स्टाफ को बुलवाया। इसके बाद ट्रैक से गार्टर हटाया गया।
रेलवे स्टाफ के मुताबिक, गार्टर करीब 17 फुट चौड़ा था। उसे ट्रेन की दोनों पटरियों पर आरपार रखा गया था, ताकि ट्रेन का पहिया उसके ऊपर चढ़ जाए। हालांकि गनीमत यह रही कि नंदा देवी एक्सप्रेस का पहिया गार्टर के ऊपर चढ़ने के बाद बेपटरी नहीं हुआ। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। करीब आठ मिनट तक एक्सप्रेस खड़ी रही। गार्टर हटाने के बाद एक्सप्रेस ट्रेन को दिल्ली के लिए रवाना किया गया। इसके करीब पांच मिनट बाद ही देहरादून से दिल्ली को जा रही मालगाड़ी सकुशल गुजरी।
एसएसपी और सिटी मजिस्ट्रेट पहुंचे
जानकारी मिलने पर रविवार दोपहर में एसएसपी राजेश कुमार पांडेय और सिटी मजिस्ट्रेट शैलेंद्र सिंह पुट्ठा रेलवे हॉल्ट पर पहुंचे। उन्होंने रेलवे स्टाफ से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। एसएसपी ने कहा कि हादसे को अंजाम देने के लिए यह किसी की साजिश थी। इसकी जांच की जा रही है।
बार-बार कौन कर रहा साजिश
ट्रेनों को लेकर बार-बार कौन साजिश रच रहा है। एक दिन पहले दिल्ली से हावड़ा जा रही राजधानी एक्सप्रेस में बम की झूठी अफवाह फैला दी गई। इससे पहले मोदीनगर और खतौली क्षेत्र में भी रेलवे लाइनों को बाधित करके ट्रेनों को पलटाने का प्रयास हुआ है।