पिछड़ों का आरक्षण तीन हिस्सों में बांटने का विचार कर रही याेगी सरकार
प्रयागराज
आरक्षण का मुद्दा हमेशा से ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण रहा है। आज के समय में आरक्षण एक संवेदनशील सियासी मुद्दा बन चुका है। पिछड़ों के आरक्षण की मांग को लेकर बीजेपी के मंत्री ही लगातार हमलावर होते दिखते रहे हैं। वहीं एक बार फिर सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक संग्राम छिड़ने के आसार हैं।
दरअसल समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंपी हैं, जिसमें पिछड़ों के आरक्षण को 3 हिस्सों में बांटने की सिफारिश की गई है। ये 3 हिस्से पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा के रूप में होंगे। इनका अनुपात 7, 9, और 11 प्रतिशत के रूप में होगा। यदि यह प्रस्ताव लागू किया गया तो 27 प्रतिशत आरक्षण में इनका प्रतिनिधित्व काफी कम हो जाएगा। रिपोर्ट को लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल तेज हो गई है।
जहां एक तरफ बीजेपी की एक सहयोगी पार्टी अपना दल इस प्रस्ताव का विरोध कर रही है, तो वहीं दूसरी सहयाेगी पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज इसके समर्थन में खड़ी हाे गई है। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने रिपोर्ट लागू करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। 2019 के चुनाव से पहले यदि इसे लागू किया गया तो नुकसान में आने वाली पिछड़ों की जातियां एकजुट हो सकती है, जिसका हर्जाना सत्तारूढ़ बीजेपी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।