पी.चिदंबरम ने कहा- मोदी से किसी अच्छे काम की उम्मीद नहीं, मैं सरकार में वित्त मंत्री होता तो दे देता इस्तीफा
नई दिल्ली
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने वायुसेना की 126 लड़ाकू विमानों की जरूरत को नकार कर राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है और इस मामले में जेपीसी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सवाल किया कि जब वायुसेना को 126 विमानों की जरूरत थी तो सरकार सिर्फ 36 राफेल विमान क्यों खरीद रही है? उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को प्रति विमान 186 करोड़ रुपए अधिक देने होंगे। उन्होंने यह मांग दोहराई कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से राफेल मामले की जांच होनी चाहिए। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि राफेल मामले में संबंधित बातचीत के दल ने 4 -3 से फैसला किया। क्या किसी रक्षा सौदे में कभी ऐसा हुआ? ऐसा क्यों हुआ कि इस सौदे से जुड़े हर फैसले सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए 4-3 से किए गए? उन्होंने कहा कि इस मामले की गहन जांच जेपीसी से होनी चाहिए। हम जेपीसी जांच की मांग दोहराते हैं।
मैं वित्त मंत्री होता तो दे देता इस्तीफा
चिदंबरम ने अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को चिंताजनक’ करार देते हुए कहा कि अगर नरेंद्र मोदी सरकार में वह वित्त मंत्री होते तो अब तक इस्तीफा दे चुके होते। उन्होंने यह भी कहा कि लेखानुदान/अंतरिम बजट में सरकार आगामी आम चुनाव के मद्देनजर लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है, लेकिन इसका असर नहीं होगा क्योंकि लोग समझते हैं कि इस सरकार ने पिछले साढ़े चार साल में कुछ नहीं किया। पूर्व वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि हम इस सरकार से कुछ अच्छे की उम्मीद नहीं करते हैं। चुनाव नजदीक है। 60 दिनों में यह सरकार कुछ ऐसा नहीं कर सकती जिससे अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार हो। अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। हर सूचकांक चिंता में डालने वाला है। हमें अब अगली सरकार में विश्वास करना होगा।
उन्होंने कहा कि उनका अनुमान यह है कि पिछले कुछ वर्षों की तरह इस बार भी सरकार वित्तीय घाटे को कम करने के लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहेगी। चिदंबरम ने दावा किया कि नोटबंदी के रूप में भयावह निर्णय तथा जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने के अलावा पिछले पांच साल में इस सरकार ने अर्थव्यस्था के मोर्चे पर ऐसा कुछ नहीं किया जिसका उल्लेख किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर वो चुनाव जीतने के लिए कुछ घोषणाएं करते हैं तो मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर होगा। लोग बेवकूफ नहीं है। लोग समझते हैं कि जब साढ़े चार साल में कुछ नहीं किया तो अब क्या हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग की पहली सरकार के समय जीडीपी की विकास दर आजाद भारत या इससे पहले किसी भी पांच साल के मुकाबले सबसे ज्यादा थी।