प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना: 564 करोड़ रुपये के प्रस्‍ताव को मिले ऊर्जा तो रोशन हों डेेढ़ लाख घर

प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना: 564 करोड़ रुपये के प्रस्‍ताव को मिले ऊर्जा तो रोशन हों डेेढ़ लाख घर

जबलपुर
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना की तरह ही एक बार फिर बिजली विहीन घरों को रोशन करने की तैयारी की जा रही है। पूर्व क्षेत्र कंपनी ने 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसे घर चिन्हित किए हैं जिनके यहां बिजली अभी तक नहीं पहुंची है। ऐसे करीब डेढ़ लाख आवास है। इन घरों को बिजली पहुंचाने के लिए 564 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना हुआ है। कोरोना संक्रमण की वजह से उर्जा विभाग में प्रस्ताव अटका हुआ है। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से भी अनुदान मिलना है।

बिजली कंपनी के चिन्हित बिजली विहीन आवास में सबसे ज्यादा छिंदवाड़ा और मंडला जिले के है। ये किसी गांव और बस्ती में नहीं है। विभाग के अनुसार ये दूर दराज के वह इलाके जहां बिजली की लाइन तक नहीं पहुंची है। इन इलाकों में कई समुदाय दो-चार की संख्या में मकान बनाकर रहते हैं। ऐसे लोग फिलहाल बिना बिजली के जीवन यापन कर रहे हैं। बिजली की लाइन नहीं होने के कारण कनेक्शन भी नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे आवास जो मजरे-टोला में है उनमें बिजली पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए कनेक्शन देने से पहले उस क्षेत्र में लाइन, ट्रांसफार्मर, पोल लगाया जाएगा।

कंपनी के प्रस्ताव में 11 केवी लाइन 4260 किमी लगाई जाएगी। 5388 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित होंगे। वहीं घरेलू लाइन 7250 किलोमीटर लंबी योजना में बिछाई जाना अनुमानित की गई है। इस कार्य के लिए 564 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा खर्च 85 करोड़ रुपये सिंगरौली जिले में होना प्रस्तावित किया गया है। सिंगरौली में 12 हजार से ज्यादा घरों में बिजली पहुंचाने की योजना है।

पूर्व क्षेत्र कंपनी के अभी 43 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता है। इस योजना के बाद डेढ़ लाख से ज्यादा उपभोक्ता कंपनी के ग्राहक बन जाएंगे। इसके अलावा बिजली मिलने से मुख्यधारा से भी जुड़ेगें। कंपनी ने सभी 21 जिलों के लिए छूटे आवासों में बिजली सप्लाई देने का प्रस्ताव बनाया हुआ है। इससे पहले सौभाग्य योजना में 900 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर बिजली विहीन आवासों में बिजली पहुंचाई गई थी।