बिहार में बाढ़ से हाहाकार: अब तक 33 की मौत, सैंकड़ों गांवों में घुसा पानी

बिहार में बाढ़ से हाहाकार: अब तक 33 की मौत, सैंकड़ों गांवों में घुसा पानी

पटना
नेपाल और उत्तर बिहार में हो रही बारिश के कारण राज्य के 12 जिले में बाढ़ का कहर कम नहीं हो रहा है। शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चम्पारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सहरसा, कटिहार व पूर्णिया की 27 लाख से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में है। बागमती, कोसी, खैराई, महानंदा, कमला बलान, कोसी, अधवारा सहित अन्य नदियों में पानी बढ़ने के कारण मंगलवार को सैकड़ों नए गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। बाढ़ का पानी गांवों में आने के कारण लोग सड़कों पर आसरा ले रहे हैं। उत्तर बिहार के नेशनल हाईवे पर लोग अस्थाई आशियाना बनाकर डेरा डाल दिया है।

नदियों में पानी बढ़ने के कारण मंगलवार को मधुबनी व मुजफ्फरपुर में दो स्थानों पर तटबंध टूट गए। मुजफ्फरपुर, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, बेतिया व सीतामढ़ी के अलग-अलग हिस्से में 22 लोग डूबे। हालांकि सरकारी आंकड़ों में बाढ़ के कारण अब तक 33 लोगों की ही मौत हुई है।  इनमें सबसे अधिक सीतामढ़ी के 11 व अररिया में नौ लोगों की जान गई है।

जल संसाधन विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटे में बागमती का पानी सीतामढ़ी के डुब्बाधर, कनसार/चंदौली, कटौंझा में खतरे के निशान को पार कर गया। मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती खतरे के निशान को पार कर गयी। कमला बलान का पानी मधुबनी के जयनगर व झंझारपुर में खतरे के निशान को पार कर गया। अधवारा समूह की नदियों का पानी सीतामढ़ी के सुंदरपुर में खतरे के निशान से ऊपर चला गया। ललबकिया नदी का पानी पूर्वी चम्पारण के गोवाबारी में खतरे के निशान को पार कर गया। महानंदा का पानी पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान को पार कर गया। कोसी का जलस्तर बलतारा में खतरे के निशान से 172 सेंटीमीटर पर पहुंच गया। कटिहार में महानंदा का पानी कुरसैला, बाहरखाल, आजमनगर, धबौल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में खतरे के निशान को पार कर गया। गंडक डुमरियाघाट में खतरे के निशान को पार कर गयी। अररिया में परमान नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है। यह खतरे के निशान से 142 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। मौसम विभाग ने नदियों वाले इलाके में बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में उत्तर बिहार की लगभग सभी नदियों के पानी में वृद्धि की आशंका है।

दरभांगा में खिरोई नदी में अचानक अधिक पानी आने के कारण 24 घंटे में ही इसके जलस्तर में 210 सेंटीमीटर की वृद्धि हो गई। इस कारण इसका दायां तटबंध 11.40 किमी पर जाले प्रखंड के मुरैठा में टूट गया। कमतौल और एकमीघाट में खिरोई खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जल संसाधन विभाग ने दावा किया कि टूटे तटबंध को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।

मोतिहारी के सुगौली में बूढ़ी गंडक नदी का रिंग बांध टूट गया। हालांकि यह जल संसाधन के अधीन नहीं है। कोसी नदी का पानी बराह बराज पर कम हुआ है। बीरपुर बराज में कोसी नदी का पानी बढ़ा। सुबह छह बजे एक लाख 53 हजार क्यूसेक से बढ़कर दो बजे एक लाख 76 हजार क्यूसेक हो गया।

बाढ़ के कारण सड़कों की स्थिति जानने के लिए पथ निर्माण के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा और ग्रामीण कार्य के सचिव विनय कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया। इनके साथ अररिया, किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया के डीएम भी थे। अमृत लाल मीणा ने कहा कि अररिया-गलगलिया एनएच के जोकीहाट के समीप टूटे सड़क के स्थान पर बेली ब्रिज बनाया जा रहा है। जहां-जहां सड़कें टूटी हैं, उन्हें पानी कम होने के बाद 24 घंटे में चलने लायक बना दिया जाएगा।