भयानक तूफान का खतरा अभी टला नहीं, अगले 12 घंटे को लेकर अलर्ट जारी

नई दिल्ली
बुधवार को यूपी, राजस्थान समेत देश के कई इलाकों में आए तूफान की वजह से अबतक 129 लोगों की मौत हो चुकी है। इस तूफान का अंदेशा पहले से था, लेकिन किसी को इसके इतने विनाशक बन जाने की आशंका नहीं थी। मौसम विभाग की मानें तो ऐसे कई कारण अचानक से बन गए जिनकी वजह से तूफान डेडली हो गया। कई जगहों पर तूफान + ने अनुमान से ज्यादा तबाही मचा दी। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक यूपी और राजस्थान के 10 जिलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। यानी खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।

मौसम विभाग + के अधिकारियों का कहना है कि उच्च तापमान होने की वजह से नॉर्थ इंडिया में तूफान और धूल भरी आंधियां आम बात हैं। अधिकारियों के मुताबिक बुधवार के तूफान को पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) का साथ मिल जाने की वजह से इसकी विनाशकारी क्षमता में अचानक से इजाफा हो गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के डीजी केजी रमेश ने बताया कि तूफान का संपर्क इस इलाके से गुजरने वाले पश्चिमी विक्षोभ से हो गया। इसके अलावा अस्थिर वातावरण की वजह से तूफान ताकतवर होकर बड़े इलाके में फैल गया।

 

 

 

 

तूफान से नुकसान।

मौसम विभाग ने 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान का अलर्ट भी जारी किया था। हालांकि हवाओं की रफ्तार इससे कहीं ज्यादा तेज, कहीं-कहीं तो 130 किमी प्रति घंटे से अधिक देखने को मिली। डीजी ने बताया कि तूफान के गुजरने वाले इलाकों के मौसम की स्थानीय गड़बड़ियों की वजह से ऐसा हुआ। जमीन की परिस्थितियों और टनलिंग इफेक्ट्स की वजह से हवाओं को उच्च गति मिली।

पूरे शहर पर छाई धूल भरी आंधी।

IMD के डीजीएम एम मोहपात्रा ने बताया कि प्रचंड तूफान के लिए एक साथ मौसम की 4 परिस्थितियां होनी जरूरी होती हैं। पर्याप्त मात्रा में धरती को गर्म होना चाहिए, हवा में नमी होनी चाहिए, वातावरण अस्थिर होना चाहिए और इसके शुरू होने का मैकनिज्म होना चाहिए। उनके मुताबिक बुधवार को इन चारों परिस्थितियों का मेल हो गया। मोहपात्रा ने कहा कि जमीन का तापमान ज्यादा था और हिमाचल प्रदेश से नमी भरी पुरवाई भी चली। वातावरण अस्थिर था और हरियाणा व आसपास साइक्लॉनिक सुर्कुलेशन ने तूफान की शुरुआत कर दी।

 

 

 

 

 

डीजी केजी रमेश ने कहा कि सामान्य तौर पर ऐसा स्वीकार किया जाता है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ऐसी चीजों की संख्या में वृद्धि होगी। हालांकि अन्य अधिकारियों का कहना है कि भारत में तूफान की तीव्रता और फ्रीक्वेंसी पर वॉर्मिंग के असर को लेकर अबतक अलग से कोई स्टडी नहीं हुई है।