भोपाल, इंदौर और जबलपुर में 20 करोड़ की लागत से बनेंगे पैरा-मेडिकल इंस्टीट्यूट

भोपाल
 भारत सरकार की एलाइड हेल्थ स्कीम में भोपाल, इंदौर और जबलपुर के पैरा-मेडिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिये 20 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। इंस्टीट्यूट निर्माण की 60 प्रतिशत राशि भारत सरकार और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी।

यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शरद जैन की अध्यक्षता में हुई मध्यप्रदेश सह-चिकित्सीय परिषद की 20वीं वार्षिक बैठक में दी गई। श्री जैन ने पैरामेडिकल के विद्यार्थियों के लिये परिषद की वेबसाइट www.mppmc.ac.in का शुभारंभ भी किया।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम जुलानिया ने परिषद की फाइलों को डिजिटल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पेरा-मेडिकल की फीस में 5 प्रतिशत से अधिक वृद्धि नहीं की जाये। कॉलेजों का सरप्राइज विजिट किया जाये। साथ ही, पैरा-मेडिकल का रजिस्ट्रेशन और प्रमाणीकरण ऑनलाइन किया जाये। उन्होंने बताया कि इंदौर मेडिकल कॉलेज में 250 बालिकाओं के लिये हॉस्टल तैयार हो गया है।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री शिवशेखर शुक्ला, चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव और रजिस्ट्रार डॉ. पूजा शुक्ला उपस्थित थे।

गांधी मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक एमआरआई मशीन स्थापित

राज्य मंत्री ने गांधी मेडिकल कॉलेज के रेडियो डॉयग्नोसिस विभाग में आउट-सोर्सिंग के माध्यम से स्थापित 1.5 टेसला एमआरआई 16 चैनल मशीन का उदघाटन किया। यह अत्याधुनिक नई एमआरआई मशीन गंभीर मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर उच्च गुणवत्ता की जांच सुविधा अतिशीघ्र उपलब्ध करवाने के लिये स्थापित की गई है। मशीन से शरीर के सभी प्रकार के ऊतकों (तंत्रिकाओं, मांसपेशियों एवं जोड़ों) की जांच अति-सूक्ष्मता से की जा सकेगी।

हमीदिया अस्पताल परिसर के आकस्मिक चिकित्सा विभाग के पुराने ओपीडी सर्जरी भवन में स्थापित इस मशीन पर बीपीएल एवं दीनदयाल हितग्राही मरीजों की जांचें नि:शुल्क की जायेंगी। एपीएल के मरीजों की जांच सीजीएचएस द्वारा निर्धारित दरों पर होंगी, जो बाजार दर की तुलना में काफी कम रहेंगी।

मरीजों को यह सुविधा 24 घंटे, सातों दिन उपलब्ध होगी। आउट-सोर्सिंग कम्पनी द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्वशासी संस्था को प्रति वर्ष एक करोड़ 24 लाख रुपये की धनराशि दी जायेगी। इस मशीन से महाविद्यालय के छात्रों को आधुनिक तकनीकी की जाँच और अध्ययन की सुविधा भी प्राप्त होगी। मशीन के जरिये रोज लगभग 30 से 40 मरीज लाभान्वित होंगे।

कार्यक्रम में कॉलेज के डीन डॉ. एम.पी. सोनगरा, चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ए.के. श्रीवास्तव, प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष डॉ. लवली कौशल उपस्थित थे।