मप्र चुनावों में सत्ता विरोधी लहर नजर नहीं आ रही : भाजपा
इंदौर
मध्य प्रदेश में पिछले 15 साल से राज कर रही भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने आसन्न विधानसभा चुनावों में कथित सत्ता विरोधी लहर को शुक्रवार को सिरे से खारिज किया। भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के दौरान सहस्रबुद्धे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे तो प्रदेश के विधानसभा चुनावों में एंटी-इंकम्बेंसी का ैएै तक नहीं नजर आ रहा। चुनावों में सत्ता विरोधी लहर तब होती है, जब कोई सरकार काम नहीं करती, सत्तारूढ- दल के नेता भ्रष्ट होते हैं और इसे लेकर जनता में असंतोष होता है। प्रदेश में इनमें से एक भी कारक मौजूद नहीं है। उन्होंने एक सवाल पर इस आरोप को भी खारिज किया कि सूबे में भाजपा ने अपने नेताओं की संतानों और उनके अन्य संबंधियों को चुनावी टिकट से नवाजकर उसी सियासी वंशवाद को बढ़ावा दिया जिसे लेकर वह कांग्रेस के नेहरू-गांधी परिवार पर तीखे हमले बोलती रहती है।
प्रदेश के प्रभारी भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा नेताओं की संतानों को चुनावी टिकट देने को वंशवाद की तरह देखना गलत है, क्योंकि ये टिकट संबंधित उम्मीदवारों को एक कार्यकर्ता के रूप में उनके जमीनी काम के बूते प्रदान किये गये हैं। इन उम्मीदवारों को केवल इस आधार पर चुनावी टिकट से वंचित नहीं किया जा सकता था कि वे हमारे नेताओं के निकट संबंधी हैं। उन्होंने वंशवाद को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी राजीव गांधी और सोनिया गांधी के पुत्र नहीं होते, तो वह कांग्रेस के अध्यक्ष कभी नहीं बन सकते थे। प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ- भाजपा द्वारा अधिकांश सीटों पर पुराने चेहरों पर दांव लगाने के बारे में पूछे जाने पर सहस्रबुद्धे ने कहा, ैराजनीति में निरंतरता और परिवर्तन एक साथ चलते हैं। हमने अपने अनुभवी नेताओं को टिकट देने के साथ कई सीटों पर युवा चेहरे भी उतारे हैं। सूबे की 230 सीटों पर 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां भाजपा लगातार चौथी बार सत्ता में आने के लिये एड-ी-चोटी का जोर लगा रही है।