मॉब लिचिंग पर जागरुक करने वाले शख्स की लोगों ने की हत्या, पुलिस ने 7 लोगों को किया गिरफ्तार

त्रिपुरा सरकार ने मॉब लिंचिंग की अफवाहों को रोकने के लिए एक टीम का गठन किया था, लेकिन अफवाह के चलते लोगों ने इसी टीम का हिस्सा रहे एक व्यक्ति पर हमला कर दिया, हमले में व्यक्ति की मौत हो गई। अब इससे जुड़े मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इस घटना के पीछे एक अफवाह थी, जिसे कि सोशल मीडिया और जुबान के जरिए फैलाया जा रहा था। इसकी शुरूआत 11 साल के एक बच्चे का शव मोहनपुरा क्षेत्र में मिलने के बाद हुई थी, जिसपर कटे हुए के निशान थे। इन निशानों की वजह से राज्य में खबर फैल गई कि बच्चे की किडनी निकाल ली गई है, जोकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद घटना झूठी साबित हुई।

इससे पहले 30 साल के जहीर खान, जोकि एक रेहड़ीवाले थे। उन्हें 100 लोगों की भीड़ ने मार दिया। वह अपने तीन साथियों के साथ माल बेचने के लिए वैन से यात्रा कर रहे थे। तभी भीड़ ने हमला कर दिया। घटनास्थल से 8-10 किमी. की दूरी पर पुलिस स्टेशन था। चारों ने त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के स्थानीय कैंप में शरण ली। जिसके बाद पुलिस ने हवा में फायरिंग की, लेकिन लोगों की संख्या अधिक थी।

दूसरी घटना में 33 साल की सुकंता चक्रवर्ती एक एनाउंसर थी। जिन्हें कि जागरुकता फैलाने के लिए अधिकारियों ने नौकरी पर रखा था। उन्हें दोपहर के 3 बजे करीब 2000 लोगों की भीड़ ने बाजार में पकड़कर मार दिया। घटनास्थल से 8-10 किमी की दूरी पर पुलिस स्टेशन था। कुछ पुलिस वाले घटनास्थल पर मौजूद थे। लेकिन लोगों की संख्या ज्यादा थी।