रहें बचकर ! फिर से खराब हो चुकी है दिल्ली-NCR की हवा
नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीर की हवा फिर से खराब हो चुकी है। हल्की बारिश से मिली कुछ राहत के बाद फिर से हालात पहले ही तरह हो गए हैं। 3 दिनों तक 'खराब' की श्रेणी के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा रविवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई। रविवार को जहां दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 311 तक पहुंच चुका था, वहीं एनसीआर के दूसरे प्रमुख शहरों में भी हवा की गुणवत्ता खराब हो गई। रविवार को फरीदाबाद में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 308, गाजियाबाद में 335, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में क्रमशः 313 और 336 रहा। दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ गुड़गांव ही रहा, जहां रविवार को AQI बहुत खराब श्रेणी में न होकर खराब श्रेणी में रहा। यहां का AQI 255 रहा।
मुश्किल यह है कि हवा की क्वॉलिटी सोमवार से और बिगड़ेगी क्योंकि शहर से तेज हवाएं गायब हो चुकी हैं। सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्ट (सफर) के एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोमवार से 3 दिन तक हवा की क्वॉलिटी और गिरेगी क्योंकि सतह पर चलने वाली हवाएं कम होंगी। साथ ही, नमी भी ज्यादा है जिसकी वजह से यह स्थिति बनी रहेगी। वहीं, मंगलवार को हवाएं नॉर्थ-ईस्ट दिशा से आएगी, हवा की रफ्तार और कम होते हुए 5 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। आसमान तो साफ रहेगा मगर सुबह को धुंध छायी रहेगी, यानी लोगों की दिक्कत बनी रहेगी। आने वाले हफ्ते भी हवा में कुछ सुधार की उम्मीद नहीं है, ऐसे में खासतौर पर उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है जिन्हें सांस की बीमारी है या प्रदूषण से एलर्जी।
दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) रविवार को 311 पर पहुंच गया, जो कि बेहद खराब की कैटिगरी (300 से ऊपर) पर है। पिछले हफ्ते हुई हल्की बारिश की वजह से तीन-चार दिन दिल्ली के मौसम में हल्का सा सुधार आया था और हवा की क्वॉलिटी बेहद खराब से खराब कैटिगरी पर पहुंची थी मगर रविवार से इसने रुख बदल लिया। अब फिर से दिल्ली वालों की मुश्किल बढ़ गई है। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, रविवार को दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 311 पर था, जबकि मुंबई में यह 142, बंगलुरु में 88 और चेन्नै में 60 पर था।
पराली जलाने से आने वाले धुंए में कुछ कमी तो आई है मगर इसका असर ना के बराबर है। सफर का कहना है कि सोमवार को दिल्ली में ईस्ट से हवाएं आएंगी मगर स्पीड सिर्फ 10 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। 10 किलोमीटर/घंटा और इससे कम हवा की कम रफ्तार से प्रदूषक तत्व हवा में नहीं धुल पाते हैं, जिसकी वजह से प्रदूषण बढ़ता है और मुश्किलें पैदा करता है।