राफेल के सहारे कांग्रेस का मिशन 2019, मोदी को घेरने के लिए राहुल ने खड़े किए 50 नेता

नई दिल्ली
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में कथित अनियमिततता को लेकर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में पूरा जोर लगा रही है। राफेल सौदे को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चे की अगुआई कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पार्टी ने पिछले सप्ताह भर देश के विभिन्न भागों मे प्रदर्शन किया और लोगों के समक्ष इस सौदे में कथित अनियमितता मामला जोर-शोर से उठाया। राफेल सौदे में भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए गत 25 अगस्त से शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी अभियान में कांग्रेस ने 50 से अधिक नेताओं को खड़ा किया है। अभियान के तहत गांधी के अलावा पार्टी नेताओं आनंद शर्मा, जयपाल रेड्डी, अजय माकन, शकल अहमद, रणदीप सुरजेवाला, मनप्रीत बादल, पवन खेरा, राज बब्बर, प्रियंका चतुर्वेदी और जयवीर शेरगिल तथा अन्य ने देश में अलग -अलग स्थानों पर प्रेस कांफ्रेंस किए।

कांग्रेस देश भर में 100 से अधिक प्रेस कांफ्रेंस करेगी। पार्टी ने अब तक नई दिल्ली, श्रीनगर, जालंधर, जोधपुर, राजकोट, नासिक, विकासपुर, देहरादून, ग्वालियर, मंडी, मेरठ, कुबली,बेंगलुरु, कोयम्बटूर और झांसी में प्रेस कांफ्रेंस की है। कुछ ऐसे ही प्रदर्शन कांग्रेस की स्थानीय इकाईयों ने भी किए हैं। कांग्रेस ने राफेल सौदे को ‘सदी का भ्रष्टाचार’ निरुपित किया और कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने फ्रांस से 1670 करोड़ रुपए प्रति विमान की दर से सौदा किया है जबकि इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012 में यह सौदा 570 करोड़ रुपए प्रति विमान की दर से तय किया गया था।

कांग्रेस का दावा है कि नये राफेल सौदे का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री के करीबी कारपोरेट मित्रों को फायदा पहुंचाना है। इसी सप्ताह एक प्रेस कांफेंस में गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री ने यह सौदा अनिल अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चार राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के भविष्य निर्धारण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसी परिप्रेक्ष्य में नया राफेल सौदा एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है।

कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि केंद्र में सत्तारूढ़ राजग राफेल सौदे को लेकर बचाव की स्थिति में है और आने वाले दिनों में पार्टी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमले तेज करेगी। पार्टी के नेताओं ने कहा है कि राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन संबंधी उनकी मांग पूरी होने तक वे सरकार पर हमला जारी रखेंगे।