वजन से लेकर मेन्स्ट्रुअल साइकल तक, फेसबुक को यूजर्स का पर्सनल डेटा भेजती हैं ऐप्स
फेसबुक पर अपने यूजर्स पर नजर रखने और उनका डेटा जुटाने के आरोप नए नहीं है, अब एक न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन ऐप्स फेसबुक को यूजर्स की निजी जानकारियां भेजती हैं। यह जानकारियां काफी पर्सनल लेवल की हो सकती हैं और इनमें यूजर्स के बॉडी वेट से लेकर मेन्स्ट्रुअल साइकल तक के डीटेल्स हो सकते हैं। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी इन-हाउस रिसर्च के आधार पर पब्लिश की एक रिपोर्ट में बताया है कि यूजर चाहे फेसबुक पर हो या नहीं, कुछ ऐप्स उसका बेहद निजी डेटा फेसबुक तक पहुंचाती हैं।
ऐड्स को टारगेट करने के लिए बनाए गए एक टूल की मदद से ऐप्स फेसबुक को यूजर्स का इंटीमेट डेटा तक भेजती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, न तो यूजर्स से इसकी परमिशन ली जाती है और न ही इससे जुड़ा कोई नोटिफिकेशन उन्हें भेजा जाता है। इन ऐप्स से कलेक्टेड इंफॉर्मेशन में यूजर्स के बॉडी वेट, प्रेग्नेंसी स्टेटस और होम शॉपिंग तक की जानकारी हो सकती है। फेसबुक का कहना है कि iOS और ऐंड्रॉयड में ऐप्स से डेटा शेयरिंग स्टैंडर्ड प्रैक्टिस है और इसी तरह मोबाइल ऐडवर्टाइजिंग काम करती है।
फेसबुक के स्पोक्सपर्सन निस्सा अंक्लेसारिया ने एएफपी इंक्वॉयरी पर जवाब देते हुए कहा, 'हम चाहते हैं कि ऐप डिवेलपर्स अपने यूजर्स से उस इंफॉर्मेशन को लेकर क्लियर रहें जो वे हमसे शेयर करते हैं। इसके अलावा सेंसिटिव डेटा भेजने से हम खुद डिवेलपर्स को मना करते हैं।' उन्होंने कहा कि हम खुद वह डेटा हटाने और डिटेक्ट करने के लिए ऐक्शन लेते हैं, जिसे हमारे साथ शेयर नहीं किया जाना चाहिए।'
जर्नल की रिपोर्ट में ऐसे 11 ऐप्स के बारे में जानकारी दी गई, जिन्हें लाखों यूजर्स ने डाउनलोड किया है और ये डेटा शेयर करती हैं। ऐप्स टेस्ट में इन 11 के बारे में सामने आया कि ये ऐप्स बिना यूजर्स की परमिशन के सेंसिटिव डेटा शेयर करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की डेटा शेयरिंग बिजनस टर्म्स का उल्लंघन करती हैं और यह यूजर्स के हित में नहीं है। इससे पहले भी फेसबुक ने ऐसे आरोपों को नकारा है।