साइलेंट किलर है प्रदूषण, स्मोकिंग न करने वालों के फेफड़े भी काले

साइलेंट किलर है प्रदूषण, स्मोकिंग न करने वालों के फेफड़े भी काले

 
नई दिल्ली 

प्रदूषित हवा, गुलाबी लंग्स को काला बना देती है। आप स्मोकिंग करें या न करें, दिल्ली की हवा फेफड़ों को काला कर दे रही है। गंगाराम अस्पताल में डमी के तौर पर लगाए गए उजले फेफड़े 2 दिनों में ही प्रदूषित हवा में काले हो गए। डॉक्टरों ने बताया कि हर इंसान सांस ले रहा है और उसके फेफड़े में प्रदूषित कण जमा हो रहे हैं। इस कारण फेफड़े काले हो रहे हैं। इसका असर कब होगा, यह समय बताएगा, लेकिन होगा जरूर। 
 
प्रदूषित हवा का असर दिखाने के लिए लगाए डमी लंग्स 
गंगाराम अस्पताल के लंग्स सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार का कहना है, ‘हम सर्जरी के दौरान अक्सर यह स्थिति देख रहे हैं, लेकिन एक आम इंसान को यह पता नहीं है। लोगों तक बात पहुंचाने के लिए हमने डमी लंग्स प्रदर्शित किए। प्रदूषित हवा का क्या असर हो सकता है, यह आज सबके सामने है। अगर कोई यह सोचे कि हमें तो कुछ नहीं हो रहा है, तो यह गलत है।’ 
  
ले रहे हैं जहरीली सांस, हर अंग पर हो रहा वार
पलूशन के बढ़ते लेवल से न केवल इंटरनल ऑर्गन पर असर पड़ता है, बल्कि आउटर पार्ट्स भी प्रभावित होते हैं। इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में पलूशन का लेवल काफी बढ़ गया है और यह सांस के जरिए बॉडी के अंदर पहुंच रहा है। इसकी वजह से लंग्स इंफेक्शन, अस्थमा, सांस की दिक्कतें, लोअर ट्रैक इंफेक्शन, हार्ट डिजीज, ब्रेन स्ट्रोक तो होते ही हैं, आंखों में जलन, स्किन ऐलर्जी, इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी, बाल झड़ने की समस्या भी हो सकती है।