सीसीटीवी कैमरों से मतदान केन्द्र होंगे लैस, आॅनलाइन होगी निगरानी
भोपाल
मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को मतदान वाले दिन प्रदेश के सात हजार मतदान केन्द्रों पर इस बार भारत निर्वाचन आयोग दिल्ली से सीधे नजर रखेगा। बालाघाट के नक्सल क्षेत्र में स्थित मतदान केन्द्रों के अलावा संवेदनशील मतदान केन्द्रों में से ये मतदान केन्द्र चिन्हित किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश में 65 हजार मतदान केन्द्र है इनमें से बीस फीसदी याने चौदह हजार मतदान केन्द्रों की हर गतिविधि को कैमरे में कैद किया जाएगा। इसके लिए इन सभी मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे और वीडियो रिकार्डिग की व्यवस्था रहेगी। सात हजार मतदान केन्द्रों के सीसीटीवी कैमरे सीधे ईआरओनेट से जुड़े रहेंगे और मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत सहित आयोग के अन्य आला अफसर इन केन्द्रों की गतिविधियों पर सीधे नजर रखेंगे।
इन मतदान केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि नजर आने, बूथ कैप्चरिंग, दंगे, फसाद,फर्जी मतदान, विवाद या किसी भी असामान्य हरकत पर चुनाव आयोग सीधे नजर रखेगा। इस तरह की गड़बड़ियां नजर आने पर चुनाव आयोग के अफसर सीधे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, चुनाव पर्यवेक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी और केन्द्र से तैनात पैरा मिलेट्री फोर्स को कंट्रोल करने के निर्देश दे सकेंगे। इस तरह के हर घटनाक्रम पर आयोग सीधे कलेक्टरों को तलब कर सकता है।
इसके अलावा सात हजार मतदान केन्द्र ऐसे होंगे जहां कैमरों के जरिए मॉक पोल से लेकर मतदान समाप्त होंने तक की हर गतिविधि की वीडियो रिकार्डिंग कराई जाएगी। यहां किसी प्रकार की गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर चुनाव आयोग वहां की वीडियो रिकार्डिंग बुलवाकर देखेगा और उसके आधार पर उस गड़बड़ी से संबंधित मामले में आगे निर्णय लिए जाएंगे।
प्रदेश के संवेदनशील चौदह हजार मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय पुलिस बल, राज्य के पुलिस बल की सघन तैनाती की जाएगी। पुलिस को यहां विशेष चौकस रहने के निर्देश दिए गए है। किसी भी किस्म की गड Þबड़ी सामने आने पर जिलों में तैनात पर्यवेक्षक और कलेक्टर मिलकर त्वरित निर्णय लेंगे और किसी भी आपातकालीन घटना पर, संदिग्ध गतिविधि, दंगे-फसाद, बूथ कैप्चरिंग के मामले में कार्यवाही करने के निर्देश पुलिस फोर्स को देंगे।