सोमवार को हवा की गुणवत्ता सबसे खराब दर्ज, दिवाली के दौरान हालात बिगड़ने की आशंका
नई दिल्ली
दीपावली से दो दिन पहले दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सोमवार को इस मौसम में सबसे खराब दर्ज की गई। हवा की दिशा में बदलाव और पड़ोसी राज्यों में धड़ल्ले से पराली जलाए जाने के कारण प्रदूषण का स्तर तय सीमा से आठ गुना अधिक पर पहुंच गया। यह स्तर ‘अत्यंत गंभीर से भी अधिक’ की श्रेणी में है।
राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी चादर लिपटी रहने के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि त्योहार के दौरान स्थानीय कारकों के कारण हवा की गुणवत्ता और खराब हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि लोगों की सेहत पर इस वायु प्रदूषण के असर की तुलना एक दिन में 15-20 सिगरेट पीने से होने वाले नुकसान से की जा सकती है।
केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम फॉर एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) की ओर से जारी चेतावनी के मुताबिक, दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ स्तर तक पहुंच सकती है। यदि पिछले साल की तरह ही आतिशबाजी की गई तो आठ नवंबर को हालात बहुत खराब हो सकते हैं।
केंद्र सरकार की दलील है कि मौसम, हवा की रफ्तार और राज्यों में पराली जलाए जाने पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है, लेकिन वह हवा की गुणवत्ता में सुधार की कोशिशें कर रही है। विपक्षी कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि दोनों सरकारों ने दिल्लीवासियों को ‘सांस लेने में तकलीफ के कारण मौत’ के जोखिम तक लाकर खड़ा कर दिया है।