छत्तीसगढ़ चुनाव: इस बार केवल इन चार उम्मीदवारों के पास हैट्रिक का मौका

छत्तीसगढ़ चुनाव: इस बार केवल इन चार उम्मीदवारों के पास हैट्रिक का मौका

रायपुर
विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हर कोई अपनी जीत का दावे कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आखिरी बॉल पर सिक्स लगाने की बात कर रहे, तो विपक्ष इस बयान पर अपने तंज कसने से पीछे नहीं है। इन सब के बीच कांग्रेस-भाजपा के चार उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके पास इस चुनाव में जीतकर हैट्रिक लगाने का मौका है। इसमें कांग्रेस और भाजपा के दो-दो उम्मीदवार शामिल है।

यह तय है कि आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजे अपने आप में कई रिकॉर्ड बनाएगा। इसमें जीत की हैट्रिक लगाने के लिए नेता प्रतिपक्ष व अंबिकापुर विधानसभा सीट के प्रत्याशी टी.एस. सिंहदेव और कोरबा के कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह अग्रवाल का नाम शामिल हैं। जबकि भाजपा से श्रम मंत्री रहे भैयालाल राजवाड़े और वन मंत्री महेश गागड़ा का नाम शामिल हैं। चार में तीन हाइप्रोफाइल सीट होने की वजह से सभी की निगाह इस ओर टिकी है, कि ये प्रत्याशी हैट्रिक लगाते हैं या फिर जनता इन्हें आउट कर देती है। हालांकि सबसे खास बात यह है कि ये चारों प्रत्याशी राजनीति में लंबे समय से सक्रिय है।

पिछले चुनाव में 19 उम्मीदवारों के पास था मौका

2013 के विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस-भाजपा के 19 उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्हें जिनके बाद जीत की हैट्रिक लगाने का मौका था। इसमें भाजपा के 11 और कांग्रेस के 8 विधायक शामिल थे। पिछले बार भाजपा की ओर से पांच और कांग्रेस की ओर से दो प्रत्याशी ने हैट्रिक लगाई थी।

टी.एस. सिंहदेव
नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने 1983 में पहली बार नगरपालिका परिषद अंबिकापुर के अध्यक्ष का चुनाव जीता था। 2008 में अपना पहला और 2013 में दूसरा विस चुनाव जीता था। 2003 में वे छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था। सिंहदेव ने पहला चुनाव 980 वोटों से जीता था। 2013 में उन्होंने 19 हजार 558 वोटों से जीत हासिल की थी।

जयसिंह अग्रवाल
जयसिंह अग्रवाल कोरबा विधानसभा में तीसरी बार कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। 1994 में उन्हें विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया। 1996 में वे इसके अध्यक्ष भी बने। 2008 में उन्होंने अपना पहला और 2013 में दूसरा विधानसभा चुनाव जीता था। अग्रवाल ने अपना पहला चुनाव 587 वोटों से और दूसरा चुनाव 14449 वोटों से जीता था।

भैयालाल राजवाड़े
भैयालाल राजवाड़े 20 वर्षों तक सरपंच, 5 वर्षों तक जनपद अध्यक्ष और 10 वर्ष तक जिला पंचायत के सदस्य रहे हैं। 2008 में पहला और 2013 में दूसरी बार लगातार विधानसभा का चुनाव जीता था। 2015 में सरकार ने उन्हें श्रम, खेल एवं युवा कल्याण व जन शिकायत निवारण मंत्री बनाया था। उन्होंने अपना पहला चुनाव 5536 और दूसरा चुनाव 1063 वोटों से जीता था।

महेश गागड़ा
महेश गागड़ा छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। वे भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं। वे दंतेवाड़ा जिला पंचायत के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने 2008 में पहला 2013 में दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीता है। राज्य सरकार ने 2015 में उन्हें वन, विधि व विधायी कार्य मंत्री की जिम्मेदारी दी थी। पहला चुनाव 10521 वोटों से और 2013 का चुनाव 9487 मतों से जीता था।