2 बच्चों की हत्या के बाद भावखेड़ी गांव में पसरा मातम

2 बच्चों की हत्या के बाद भावखेड़ी गांव में पसरा मातम

शिवपुरी
अगले हफ्ते 2 अक्टूबर को देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती (Birth Anniversary of Mahatma Gandhi) मनाएगा. इस दिन सामाजिक भेदभाव मिटाने और छुआछूत दूर करने की कसमें खाई जाएंगी. लेकिन चंद रोज पहले मध्य प्रदेश (Madhay Pradesh) के शिवपुरी जिले के भावखेड़ी (Bhawkhedi) गांव में दो मासूमों की हत्या (Shivpuri Dalit Murder) के पीछे समाज का यही विद्रूप चेहरा एक बार फिर सामने आया है. भावखेड़ी गांव में दबंगों ने बीते बुधवार को शौच के लिए गए हुए दो मासूमों को पीट-पीटकर मार डाला. इस घटना ने एक तरफ जहां मध्य प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, दूसरी ओर सामाजिक समरसता के नीच दबी छुआछुत (Untouchability) और घृणा के क्रूर चेहरे को भी उजागर कर दिया है. भावखेड़ी गांव में एक तरफ जहां दबंगों की दहशत से लोगों में डर पसरा हुआ है, वहीं पीड़ित परिवार के सदस्यों के चेहरे पर मातम है.

मारे गए दोनों बच्चे वाल्मीकि समुदाय के थे. भावखेड़ी की दबंग जाति, यादव समुदाय की नजर में इन्हें 'अछूत' माना जाता है. इसलिए पुलिस ने भले ही घटना के बाद हत्या के आरोपियों को जेल भेज दिया हो, पीड़ित बच्चों के परिवार और ग्रामीणों के दिल में दहशत अब भी कायम है. मारे गए दोनों बच्चों में से अविनाश (10 साल) की मां पिछले दो दिनों से अपनी टपरिया (झोपड़ीनुमा जगह) में बेसुध पड़ी है. दूसरी बच्ची 12 साल की रोशनी, जो रिश्ते में अविनाश की बुआ थी, की मां का देहांत हो चुका है. वह अपने भाई के पास रहती थी. हत्यारोपी परिवार के घर में ताला लगा है. इस परिवार के घर में ताला लगा कहीं और चले गए हैं.

भावखेड़ी गांव में दबंग जाति के कहर की यह वारदात भले पहली बार सुनने में आई हो, लेकिन ग्रामीण बताते हैं कि अछूतों से भेदभाव का यह सिलसिला नया नहीं है. गांव में अभी तो पुलिस का पहरा लगा है, लेकिन यहां रहने वाले जाटव और वाल्मीकि समुदाय के लोग बताते हैं कि उन्हें हमेशा से अछूत माना जाता रहा है. अगर इन लोगों ने गांव में लगे हैंडपंप से पानी भी ले लिया, तो यादव समुदाय के लोग इन्हें टेढ़ी नजर से देखते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वाल्मीकि समुदाय के लोग अगर हैंडपंप से पानी लेते हैं, तो कई बार यादव जाति के लोग उनसे हैंडपंप धुलवाते हैं.

शिवपुरी जिले के सिरसौद थाने के तहत आने वाले गांव भावखेड़ी की आबादी में जाटव और वाल्मीकि समुदाय की जनसंख्या कम है. गांव में यादव समुदाय की आबादी जहां 600 से ज्यादा है, वहीं जाटव समाज की जनसंख्या 200 और वाल्मीकि समुदाय का सिर्फ एक घर है. इस घर के सदस्यों की कुल आबादी 20 से 25 है. गांव के पंचायत में भी यादवों का दबदबा है. सरपंच यादव समाज से है, तो जाहिर है सरकारी योजनाओं का फायदा इसी समाज को मिलेगा.

जाटव समुदाय के लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना हो या हैंडपंप स्कीम, यादवों को हर सुविधा मिलती है. लेकिन जाटव और वाल्मीकि समाज इन योजनाओं से वंचित रहता है. गांव की बुजुर्ग महिला साबो बाई ने बताया कि गांव में सरकारी योजना के तहत जो शौचालय बनाए गए हैं, उसका लाभ भी यादवों को ही मिलता है. अन्य सरकारी शौचालयों की हालत बेहद खस्ता है, जिसकी वजह से जाटव और वाल्मीकि समाज के लोग खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.

वाल्मीकि समुदाय के लोगों की जीविका का एकमात्र जरिया मजदूरी है. लोग खेतों में जंगलों में या शहरों में जहां काम मिले, वहां तक जाते हैं. कभी-कभी दो-दो, तीन-तीन दिन बाहर ही रहते हैं. तब जाकर रोटी मिल पाती है. ग्रामीणों ने बताया कि इस समय पीड़ित परिवार मजदूरी पर भी नहीं जा पा रहा है. हालांकि प्रशासन की ओर से गांव के कोटवार यानी चौकीदार ही पीड़ित परिवारों के चाय-पानी की व्यवस्था कर रहा है. एससी समुदाय से आने वाले कोटवार कल्याण परिहार का भी कहना है कि गांव के ज्यादातर लोग खुले में ही शौच जाते रहे हैं. हालांकि पंचायत और सरकार के अधिकारी सरकारी योजनाओं की अनदेखी और छुआछूत की बातों पर अनभिज्ञता जाहिर करते हैं. जिला पंचायत के सीईओ एचपी वर्मा ने कहा कि रोशनी के पिता के यहां शौचालय बना है. गांव में छुआछूत की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

भावखेड़ी गांव में 2 दलित बच्चों की हत्या के पीछे पुरानी रंजिश भी बताई जा रही है. अविनाश के पिता मनोज ने शुरू में कहा था कि दोनों बच्चे शौच के लिए गए थे, इसी दौरान दबंगों ने उनकी हत्या कर दी. लेकिन पुलिस को घटनास्थल से शौच होने का कोई सबूत नहीं मिला. इसके अगले दिन मनोज ने कहा कि लकड़ी काटने को लेकर आरोपियों के साथ उसका झगड़ा हुआ था. आरोपी उन्हें अछूत मानते थे, इसलिए उन्होंने दोनों को मार डाला. बाद में मनोज ने कहा कि आरोपियों ने उसकी बहन रोशनी के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की, अविनाश ने जब इसका विरोध किया तो उन्होंने दोनों बच्चों की हत्या कर दी.