9 बार के सांसद कमलनाथ इस बार बेचैन!, 6000 कांग्रेसी छोड चुके ​हैं पार्टी, कैसे होगी नैया पार 

9 बार के सांसद कमलनाथ इस बार बेचैन!, 6000 कांग्रेसी छोड चुके ​हैं पार्टी, कैसे होगी नैया पार 

भोपाल, करीब 45 साल की दमदार पारी, नौ बार के सांसद, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का छिंदवाड़ा मॉडल इन दिनों काफी चर्चा में है। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में निशाने पर लिया है। 1980 से 2014 तक एक छत्र राज करने वाले कमलनाथ ने 2019 में यह सीट अपने बेटे को सौंप दी थी। तब पहली बार नकुलनाथ यहां से सांसद चुने गए। दरअसल, 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीक हासिल की और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने। उन्होंने छिंदवाड़ा विधानसभा से चुनाव लड़ा उसके बाद छिंदवाड़ा संसदीय सीट से अपने बेटे को मौका दिया।

बड़े-बड़े नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे 

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में इस बार अप्रत्याशित घटना हो रही हैं। छिंदवाड़ा ही नहीं, मध्य प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब आचार संहिता लागू होने के बाद बड़े-बड़े नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। छिंदवाड़ा जिले की सभी सात विधानसभा सीटों में पिछले दो चुनावों से कांग्रेस का कब्जा है। लेकिन हाल ही में जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट से विधायक कमलेश प्रताप सिंह शाह बीजेपी में शामिल हो गए हैं और यह सीट रिक्त हो गई है। उसके बाद छिंदवाड़ा से कांग्रेस के महापौर विक्रम अहाके ने भी बीजेपी ज्वाइन कर ली है।

6000 से अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल 

चौरई विधानसभा सीट से पूर्व विधायक गंभीर सिंह, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीताराम डहेरिया, कांग्रेस के प्रदेश पूर्व प्रदेश महासचिव अजय ठाकुर पांढुर्णा (कुछ दिनों पहले छिंदवाड़ा से अलग जिला बनाया गया) नगर पालिका के अध्यक्ष संदीप को घाटोड़े सहित कई बड़े नेता, 6000 से अधिक कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए हैं। खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव छिंदवाड़ा में लगातार कैंप कर चुके हैं।

कमलनाथ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी छिन चुका है

पिछले लोकसभा चुनाव में भी नकुल नाथ को भाजपा प्रत्याशी ने कड़ी टक्कर दी थी। जबकि तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री नकुलनाथ के पिता खुद कमलनाथ मुख्यमंत्री थे। इस बार कमलनाथ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद भी छिन चुका है। ऐसे में भाजपा ने छिंदवाड़ा सीट पर विशेष रणनीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा चुनाव में वोटिंग से पहले बीजेपी और बड़ा झटका दे सकती है।

नकुल नाथ के सामने भाजपा के विवेक बंटी साहू मैदान में 

2024 की लोकसभा चुनाव में नकुल नाथ के सामने भाजपा के विवेक बंटी साहू मैदान में हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सहित पूरी भाजपा ने छिंदवाड़ा को कैंप बना लिया है। ऐसे में यह दिलचस्प है कि 2019 में 37 हजार मतों का अंतर इस बार भाजपा कैसे पूरा करती है। कांग्रेस के लिए परीक्षा की घड़ी इसलिए भी है क्योंकि छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले की बड़े-बड़े नेताओं सहित हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

1980 में पहली बार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए 

1946 में उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे कमल नाथ 1980 में पहली बार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। 1980 से 2014 तक नौ बार सांसद चुने गए। कमल नाथ 1985, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी यहां से सांसद बने। कई बार केंद्रीय मंत्री बने। लंबे राजनीतिक करियर में कमल नाथ को सिर्फ 1998 में हुए उप चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने हराया था। वर्ष 2018 में उन्हें पहली बार प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री रहे। उपचुनाव छिंदवाड़ा विधानसभा से जीते।

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