मदरसों के बाद अब योगी करांएगे वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे, जारी किए आदेश
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार (Yogi Sarkar) प्रदेश के मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भी सर्वे (Survey of Waqf Board properties) करवाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने एक महीने के भीतर सर्वे पूरा करवाने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों (revenue record) में दर्ज किया जाए। इतना ही नहीं प्रदेश भर के 75 जिलों में जितनी भी जमीनें हैं उन्हें वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज कराया जाए।
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वर्ष 1989 का शासनादेश निरस्त, जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश
गौरतलब है कि इस सर्वे के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होंगी। इसके पीछे सरकार की मंशा वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और बिक्री को रोकने की है। आदेश के मुताबिक यूपी में प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी। साथ ही सरकार ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश (1989 mandate) को भी निरस्त करते हुए हुए जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं।
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25 अक्टूबर तक सर्वे रिपोर्ट सरकार को सौंपने के निर्देश
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित हो रहे सभी गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों के सर्वेक्षण (survey of madrassas) का 31 अगस्त को आदेश दिया था। इसके लिए 10 सितंबर तक टीम गठित करने का काम खत्म कर लिया गया। आदेश के मुताबिक, 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया है।
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उत्तर प्रदेश लगभग 16 हजार निजी मदरसे संचालित
प्रदेश में इस वक्त लगभग 16 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद (Nadwatul Ulama and Darul Uloom Deoband) भी शामिल हैं। इस फैसले को लेकर निजी मदरसों के प्रबंधन और संचालकों ने तरह-तरह की आशंकाएं जाहिर की। इसे लेकर छह सितंबर को दिल्ली में जमीयत-उलमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-e-Hind) की एक बैठक भी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि अगर सरकार सर्वे करना चाहती है तो करे, लेकिन मदरसों के अंदरूनी मामलों में कोई दखलअंदाजी नहीं होनी चाहिए।
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यूपी में सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस आदेश के बाद सर्वे के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी उपलब्ध करानी होंगी। राज्य सरकार के इसके पीछे की मंशा सिर्फ इतनी है कि वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे और बिक्री को रोका जा सके। मुख्यमंत्री योगी के आदेश के अनुसार यूपी में सभी जिलों में शिया और सुन्नी (Shia and Sunni) वक्फ बोर्डों की जांच होगी।
12 बिंदुओं पर मदरसों का सर्वे
आपको बता दें कि योगी सरकार के आदेश के बाद से 13 सितंबर से प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू हुआ था। सरकार की तरफ से यह बात भी साफ कर दी गई है कि इन बिंदुओं पर मदरसों का सर्वे होगा। सरकार ने 12 बिंदुओं तय कर एक फॉर्मेट भी जारी किए हैं। जैसे- मदरसे का नाम भरा जाएगा, इनको संचालित करने वाली संस्था का नाम, मदरसा के स्थापना वर्ष का विवरण, मदरसों की अवस्थिति का पूरा विवरण, यानी मदरसा निजी भवन में चल रहा है या किराए के भवन में, मदरसे में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं की कुल संख्या के बारे में जानकारी, मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है? मतलब, किस पाठ्यक्रम के आधार पर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है आदि। इन सभी के जरिए सर्वे में देखा जाएगा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की गवर्निंग कैसे होती है।