बैंकों ने एपफडी पर बढाया ब्याज दर जानिए क्या है नया रेट

बैंकों ने एपफडी पर बढाया ब्याज दर जानिए क्या है नया रेट

नई दिल्ली, बैंक ऑफ बड़ौदा ने फिक्स्ड डिपॉजिट की विभिन्न अवधि पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। बैंक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नई दरें 25 फरवरी, 2022 से लागू हो गई हैं। बता दें कि इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी बैंक ने ब्याज दरों में बदलाव किए थे। 

चेक करें नई दरें
BoB ने ब्याज दरों में 10 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। इससे आम ग्राहकों को एक साल में मैच्योर होने वाली एफडी पर पहले के मुकाबले 4.90 प्रतिशत से ज्यादा 5 प्रतिशत का इंटरेस्ट रेट मिलेगा। एक साल से 2 साल में मैच्योर होने वाले टर्म डिपॉजिट पर बैंक अब पिछले 5 फीसदी ब्याज के मुकाबले 5.10 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है। 

2.80 से 5.25 प्रत‍िशत तक ब्‍याज दरें
बैंक ऑफ बड़ौदा की नई एफडी दरें 7 दिन से 10 साल के बीच मैच्योरिटी पर 2.80% से 5.25% हो गईं। बैंक ऑफ बड़ौदा 7 दिनों से 45 दिनों में मैच्योर होने वाली FD पर 2.80% की ब्याज दर दे रहा है। 46 दिन से 180 दिन और 181 दिन से 270 दिनों तक की मैच्योरिटी पर BoB क्रमशः 3.7%, 4.30% की ब्याज दर दे रहा है। 271 दिनों या उससे अधिक लेकिन 1 वर्ष से कम में मैच्योर होने वाली FD पर यह 4.4% ब्याज दे रहा है।  बैंक वरिष्ठ नागरिकों को FD पर विशेष ब्याज दर दे रहा है। बीओबी वरिष्ठ नागरिकों को सभी अवधि के लिए ₹2 करोड़ से कम की एफडी पर पर 0.50% का अतिरिक्त ब्याज दे रहा है। 

एसबीआई और HDFC बैंक के FD रेट्स
हाल ही में भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और प्राइवेट बैंक के सबसे बड़े लीडर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने भी फिक्स्ड डिपॉजिट की दरें (FD rate change) बढ़ाई हैं। SBI ने जहां 2 साल से ऊपर की अवधि के लिए FD दरों में बढ़ोतरी की। वहीं, एचडीएफसी बैंक ने एक साल की अवधि की फिक्स्ड डिपाजिट पर ब्याज दर 10 आधार अंकों से बढ़ाकर 5% कर दी है। 3-5 साल की अवधि के साथ जमा पर दरों को 5 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.45% कर दिया गया है। FD की संशोधित ब्याज दरें 14 फरवरी से लागू हैं। 

बैंक क्यों बढ़ा रहे हैं FD की ब्याज दरें?
विशेषज्ञों के अनुसार, बैंकों ने एफडी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है क्योंकि भारत में मुद्रास्फीति की दर हाई पर है। जीसीएल सिक्योरिटीज के रवि सिंघल ने कहा, "मुद्रास्फीति प्रमुख कारणों में से एक है जो ब्याज दर के स्तर को प्रभावित करता है। मुद्रास्फीति की दर जितनी अधिक होगी, ब्याज दरों में उतनी ही अधिक वृद्धि होने की संभावना है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऋणदाता भविष्य में भुगतान किए गए धन की क्रय शक्ति में कमी के मुआवजे के रूप में उच्च ब्याज दरों की मांग करेंगे। रवि सिंघल के कहना है, "चूंकि भारत में मुद्रास्फीति की दर ऊंचाई की तरफ बढ़ रही है, इसलिए अधिकांश बैंक उपभोक्ता को भविष्य में होने वाली मुद्रास्फीति से बचाने के लिए एफडी दरों में वृद्धि कर रहे हैं।"