उद्योगों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए समिति का गठन किया जाएगा: पर्यावरण राज्य मंत्री

उद्योगों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए समिति का गठन किया जाएगा: पर्यावरण राज्य मंत्री

जयपुर। पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रदेश में स्थापित उद्योगों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के समुचित उपाय करना सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा मुख्य पर्यावरण अभियंता की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया जायेगा।

शर्मा ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषण रोकने के लिए निर्धारित नियमों  की पालना नहीं करना चिंता का विषय है। समिति द्वारा उद्योगों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों का सर्वे किया जाएगा तथा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और आम जन के सुझाव भी लिये जाएंगे।

पर्यावरण राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने आश्वस्त किया कि विधानसभा क्षेत्र मसुदा की ग्राम पंचायत खरवा, पीपलाज व कानाखेड़ा में स्थापित ग्राइंडिंग उद्योगों को नोटिस देकर सड़क के किनारे डाले गए मलबे को उठवाना सुनिश्चित किया जाएगा तथा भविष्य में मलबे के उचित निस्तारण के लिए पाबंद भी किया जाएगा।

      इससे पहले विधायक विरेन्द्र सिंह के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में पर्यावरण राज्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल में उपलब्ध अभिलेखानुसार विधानसभा क्षेत्र मसुदा की ग्राम पंचायत खरवा, पीपलाज व कानाखेड़ा में कुल 369 मिनरल ग्राईंडिंग इकाई संचालित हैं, जिनमें से 345 इकाइयां वैध सम्मति सीमा में है तथा शेष 24 की संचालन सम्मति वैध नही है, जिसके लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन उद्योगों द्वारा वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु मशीन को कवर कराना, बैग फ़िल्टर लगाना, पानी का छिड़काव करना इत्यादि उपाय किए जाते हैं।

उन्होंने जानकारी दी की राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा समय-समय पर इन उद्योगों का निरीक्षण तथा वायु गुणवत्ता की जांच की जाती है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा गत 03 वर्षों (अवधि 01 अप्रेल 2021 से 31 मार्च 2024) में 125 उद्योगों में वायु प्रदूषण मापन हेतु वायु नमूनों का एकत्रीकरण एवं विश्लेषण किया गया। इसमें 87 इकाइयों की वायु गुणवत्ता जांच रिपोर्ट मानकों के अनुरूप पाई गई एवं 38 इकाइयों की वायु गुणवत्ता जांच रिपोर्ट मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई थी। इन 38 इकाइयों का पुन निरीक्षण किया गया, जिसमें से 21 इकाइयों द्वारा प्रदूषण नियंत्रण की व्यवस्था सुचारु रूप से सुदृढ़ कर ली गई तथा वायु गुणवत्ता जांच परिणाम मानकों के अनुरूप पाये गए, 15 इकाइयों को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31 (अ) के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, शेष 2 इकाइयां बन्द पायी गयी।   

शर्मा ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा विगत 3 वर्षों (01.04.2021 से 31.03.2024) की अवधि में उक्त क्षेत्र में नियमों के विरुद्ध संचालित 21 मिनरल ग्राइंडिंग इकाइयों के विरुद्ध वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31(अ) के अंतर्गत बंद करने के निर्देश जारी किए गए। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा।

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