एशियन गेम्स में भारतीय खिलाडियों ने देश को दिया दिवाली का एडवांस गिफ्ट, 28 गोल्ड सहित जीते 107 मेडल

एशियन गेम्स में भारतीय खिलाडियों ने देश को दिया दिवाली का एडवांस गिफ्ट, 28 गोल्ड सहित जीते 107 मेडल

नई दिल्ली। भारतीय खिलाड़ियों ने देश को दिवाली का एडवांस गिफ्ट दे दिया है। एशियाई खेलों के इतिहास में पहली बार भारत 100 से ज्यादा पदक जीतने में कामयाब हो पाया। बीते कुछ दिनो में हमारे खिलाड़ियों ने अपने खून, पसीने और कड़ी मेहनत से 107 पदकों के जादुई आंकड़े को छूकर 2024 के पेरिस ओलिंपिक के लिए नई उम्मीद जगाई है। भारतीय खिलाड़ियों की स्पर्धाएं शनिवार को खत्म हो गई। अब रविवार को आखिरी दिन बचे इवेंट्स में देश का कोई भी एथलीट मैदान में नहीं उतरेगा।

एथलेटिक्स के परिणाम ने किया सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित
भारतीय खिलाड़ियों ने हांगझोऊ में 107 पदक के साथ नया रिकॉर्ड कायम किया। जिसमें 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य पदक जीते। भारत को सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित एथलेटिक्स के परिणाम ने किया। भारतीय एथलीटों ने अपने अभियान के आखिरी दिन 12 पदक जीते जिसमें छह स्वर्ण, चार रजत और दो कांस्य पदक है। खिलाड़ियों के जहन में यह आंकड़ा कम से कम 2026 में जापान के आइची-नागोया में होने वाले अगले खेलों तक जरूर रहेगा। भारत ने पिछली बार इंडोनेशिया के जकार्ता में 70 पदक जीते थे, जिसमें 16 स्वर्ण, 23 रजत और 31 कांस्य थे। इस बार निशानेबाजों ने 22 और एथलेटिक्स में 29 पदक आए हैं, जिससे भारत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सका।

बेहतर प्रदर्शन, उम्मीद से बेहतर
भारतीय दल ने कई अप्रत्याशित पदक भी जीते, जिसमें महिला टेबल टेनिस टीम का कांस्य (सुतीर्था मुखर्जी और अहिका मुखर्जी) शामिल है। पारूल चौधरी ने महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में आखिरी 30 मीटर में कमाल करके स्वर्ण जीत लिया। भालाफेंक में ओलिंपिक और विश्व चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण और किशोर जेना ने रजत पदक जीता। केनोइंग में अर्जुन सिंह और सुनील सिंह ने ऐतिहासिक कांस्य जीता। बैडमिंटन के पुरुष युगल में सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने स्वर्ण पदक जीतकर फैंस को खुश किया। कबड्डी में पुरुष और महिला टीमों ने जकार्ता में निराशा झेलने के बाद वापसी करते हुए स्वर्ण पदक जीते। युवा तीरंदाज ओजस देवताले और अभिषेक वर्मा ने कंपाउंड पुरुष व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण-रजत पदक हासिल किया।

चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद चौथे स्थान पर रहा भारत
पुरुष और महिला शतरंज टीमों ने दिन के अंत में देश को दो रजत पदक दिलाए, जिससे भारत चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाद चौथे स्थान पर है। भारत के चौथे स्थान पर बदलाव की संभावना नहीं है क्योंकि पांचवें स्थान पर मौजूद उज्बेकिस्तान के पास भारत के 28 की तुलना में 20 स्वर्ण हैं। निशानेबाजों (22) और ट्रैक एवं फील्ड एथलीटों (29 पदक) से भी भारत की झोली में 51 पदक आ गए। इससे भारत ने बुधवार को ही इन खेलों के अपने पिछले सबसे अच्छे प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया था। कुश्ती में भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, सिर्फ एक ही पहलवान फाइनल तक पहुंच पाया, गोल्ड एक भी नहीं आया। बजरंग पूनिया तो ब्रॉन्ज मेडल तक नहीं जीत पाए।

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